अप्रैल और मई में कोरोना संक्रमण से 1.66 लाख मौत

ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2020 के बाद से भारत में कोरोना से हुई आधी मौतें सिर्फ दो महीनों यानी अप्रैल और मई 2021 में हुईं। ये आंकड़े इस बात पर प्रकाश डालती है कि दो महीने कितने घातक थे और इसका राज्यों पर किस तरह का प्रभाव पड़ा। भारत में अप्रैल और मई में कोरोना से हुई मौत का 41 प्रतिशत महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली से आया। तीन राज्यों ने इस अवधि में सबसे अधिक मौतें दर्ज कीं। दिल्ली, कर्नाटक और पंजाब में 14 महीनों में कुल कोविड की मौत का लगभग 60 प्रतिशत अप्रैल और मई में हुआ। सूचना के अधिकारी के तहत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। सिर्फ अप्रैल महीने में 1.20 लाख मौतेंएनसीडीसी ने कहा कि अप्रैल 2020 और मई 2021 के बीच कुल 329,065 कोविड मौतों में से, 166,632 अप्रैल और मई 2021 में हुईं। मई में 120,770 लोगों की मौत हुई और अप्रैल में 45,882 लोगों की जान गई। जून में, 69,354 कोविड मौतें दर्ज की गईं। अप्रैल-मई से पहले, एक महीने के लिए सबसे अधिक मौतें सितंबर 2020 में 33,035 हुई थीं। सितंबर-अक्टूबर को कोरोना की पहली लहर का चरम माना जाता था। उसके बाद फरवरी 2021 में इस महामारी से 2,777 मरीजों की जान गई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है। प्रदेश में कोरोना के मात्र 12 पॉजिटिव प्रकरण आए हैं और 13 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश की कोरोना पॉजिटिविटी दर 0.01 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के प्रकरण कम जरूर हुए है, लेकिन अभी भी कोरोना संक्रमण के प्रति सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही कोरोना को पुन: निमंत्रण देने के समान है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी प्रयास कर रही है। प्रदेश में तेजी से स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के साथ चिकित्सकीय अधोसंरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। अस्पतालों में आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है।