150 सुरक्षाकर्मी और दो दर्जन स्टाफ के बावजूद रेमडेसिविर इंजेशन हो गया चोरी

हमीदिया अस्पताल से 863 रेमडेसिविर इंजेशन चोरी होने से हमीदिया अस्पताल की सुरक्षा के सारे दावे खोखला साबित हो गए। यहां सरकार द्वारा निजी एजेंसी को हर महीने दस लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान सिर्फ सुरक्षा के लिए किया जाता है। बावजूद इसके दवा स्टोर से रेमडेसिविर इंजेशन का चोरी हो जाना चौंकाने वाली है। शनिवार को जैसे ही पता चला कि हमीदिया अस्पताल के सेंट्रल दवा स्टोर से इंजेशन के 48 बॉस गायब हैं, यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। इन 48 बॉस में 863 इंजेशन थे। बाजार में दो करोड़ से अधिक कीमत दवा स्टोर से गायब हुए रेमडेसिविर इंजेशन की कीमत वैसे तो एमआरपी रेट पर कम है। लेकिन बाजार में यह 20 से 25 हजार रुपए में बिक रहा है। इस तरह हमीदिया से गायब हुए 863 इंजेशन की कीमत मोटे तौर पर दो करोड़ रुपए आंकी जा रही है। योंकि कोरोना संक्रमण के कारण जरूरतमंद लोग इसे हर कीमत पर खरीदने को तैयार हैं।
150 मरीजों को लगाए जाने थे इंजेशन:
हमीदिया अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी अनुसार गायब हुए 843 रेमडेसिविर इंजेशन करीब 150 मरीजों के काम आते। एक मरीज को छह इंजेशन का डोज लगता है, कभी कभी कम गंभीर मरीज को एक या दो इंजेशन भी लगा दिए जाते हैं, इस तरह 150 मरीजों के कोटे का यह इंजेशन हमीदिया अस्पताल के दवा स्टारे से अब गायब है।
जहां दवा स्टोर, वहां लोगों का आना जाना :
हमीदिया अस्पताल का सेंट्रल मेडिकल स्टोर पैथोलॉजी के नीचे बेसमेंट में स्थापित है। यहां आसानी से लोग आते जाते रहते हैं। कंस्ट्रशन कार्य के चलते मजदूर, पीडल्यूडी विााग के इंजीनियर, जनरेटर चालू करने वाले श्रमिक के अलावा हमीदिया अस्पताल के गार्ड और वार्ड बॉय यहां आसानी से घूस जाते हैं और घंटों बैठकर टाइम पास करते हैं।
पहले भी होती रही हैं चोरियां :
अस्पताल के दवा स्टोर से पहले भी दवा और जरूरी उपकरण चोरी होने की खबरें आती रही हैं। लेकिन कोरोना संकटकाल में रेमडेसिविर इंजेशन के चोरी हो जाने की खबर हंगामा खड़ा कर दिया।