साढ़े चार महीने में 22 बाघों की मौत पिछले आठ दिन में छह की जान गई

भोपाल। टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में इस साल बाघों की मौत के आंकड़े बढ़ गए हैं, जो चिंताजनक है। यहां पिछले साढ़े चार महीने में 22बाघों की मौत हो गई। इनमें से छह तो पिछले आठ दिनों में मरे हैं। जनवरी से अब तक बाघों की मौत का इतना बड़ा आंकड़ा पहली बार सामने आया है। पिछले सात सालों में इस अवधि में हर साल 10 से 15 बाघों की मौत हुई थी। बाघ संरक्षण में बदहाली की यह स्थिति तब है, जब अगले साल सभी राज्यों में बाघों की गिनती शुरू होनी है। बाघों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर रहा कर्नाटक इस बार मध्य प्रदेश को कड़ी टकर दे सकता है। वर्ष 2018 के बाघ आकलन में कर्नाटक में 524 बाघ थे, जबकि 526 मध्य प्रदेश में थे। महज दो बाघ ज्यादा होने पर मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का तमगा मिला था।
प्रदेश में करीब हर पांचवें दिन बाघ की मौत की खबर आ रही है। शुक्रवार को भी बांधगवढ़ टाइगर रिजर्व की बडखेरा बीट में बाघ का शव मिला है। इसे मिलाकर पिछले आठ दिनों में प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से छह बाघों की मौत की खबर आ चुकी है। वन अधिकारी बाघों की मौत का कारण नहीं बता पा रहे हैं। ज्यादातर मामलों में वजह आपसी संघर्ष या प्राकृतिक मौत ही बताई जा रही है। हालांकि तीन बाघों का शिकार भी हुआ है। जबकि दो की ट्रेन से कटकर मौत हुई है।