Sagar Tragedy : 9 बच्चों की मौत के बाद शोक में डूबे लोग, जानिए कैसे हुआ हादसा?
Sagar Tragedy : मध्य प्रदेश के सागर जिले में 4 अगस्त को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ. इस घटना में 9 बच्चों की मौत से चारों ओर हाहाकार मच गया. इस घटना के बाद पूरे जिले में शोक की लहर है. एक तरफ जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है तो वहीं दूसरी तरफ पूरे इलाके में शोक की लहर है.
लोगों का कहना है कि यह एक अविस्मरणीय त्रासदी है. जिन परिवारों ने अपने बच्चों को खोया है उनके घाव जीवन भर नहीं भरेंगे। इस हादसे के बाद 4 अगस्त को जब एक साथ 9 बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया तो लोग रो पड़े.
हादसे के बाद देर रात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई की. उन्होंने जिलाधिकारी दीपक आर्य और पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी को हटा दिया. इन दोनों अधिकारियों के अलावा सीएम यादव ने संयुक्त कलेक्टर सागर संदीप सिंह को भी हटा दिया.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर में पदस्थ डॉ. हरिओम बंसल को भी निलंबित कर दिया. प्रशासन ने संदीप जीआर को सागर का कलेक्टर और विकास कुमार सहवाल को एसपी नियुक्त किया है।
ऐसे हुआ ये हादसा : Sagar Tragedy :
बता दें कि 4 अगस्त को शाहपुर इलाके में एक जर्जर मकान के पास रुद्री (शिवलिंग) का निर्माण कार्य चल रहा था. इस काम में कई बच्चे मदद कर रहे थे. इसी दौरान टूटा हुआ मकान उनके ऊपर गिर गया। हादसा होते ही चारों ओर अफरा-तफरी और चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गये. स्थानीय विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए बच्चों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया ।
4 लाख रुपये का मुआवजा : Sagar Tragedy :
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हादसे की जांच के आदेश दिये हैं. साथ ही 4 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है. नगर परिषद शाहपुर के प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं उपयंत्री को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को राज्य भर में जर्जर इमारतों की पहचान कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. कर्तव्य के प्रति लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।