Navratri 2024 – क्या आप जा रहे हैं मैहर मां शारदा के दर्शन के लिए, तो यहां पढ़ें पूरी जानकारी, सफर होगा आसान
Navratri 2024 – मैहर मध्य प्रदेश का एक नवगठित जिला है, जो तमसा नदी के तट पर स्थित है। यह जबलपुर से लगभग 153 किमी और सतना से 40 किमी दूर है। मैहर में 600 फीट यानी 5 किलोमीटर ऊंचे त्रिकुटा पर्वत पर माता का वास है। मैहर सतना, कटनी, रीवा जिलों से घिरा हुआ है।
Navratri 2024 – मंदिर में कैसे होंगे दर्शन?
परिसर के मुख्य द्वार से मंदिर तक पहुंचने के लिए बुजुर्गों और विकलांगों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध है। मंदिर में प्रवेश के लिए आपको 1001 सीढ़ियां चढ़नी होंगी। इसके बाद आप गर्भगृह में पहुंचेंगे, जहां आप 3 फीट की दूरी से मां शारदा के दर्शन कर सकेंगे.
Navratri 2024 – मंदिर में कहां और क्या चढ़ाया जाएगा?
मंदिर में ही भक्तों के लिए नारियल, चुन्नी, इलायची, मिठाई आदि की दुकानें लगी हुई हैं। आप जो चाहें चढ़ा सकते हैं। आप चढ़ाने के लिए प्रसाद भी ले सकते हैं. अगर आप भी शारदीय नवरात्रि के दौरान मां शारदा के पवित्र तीर्थ मैहर के दर्शन करने जा रहे हैं तो मां के प्रसाद के तौर पर पान, सुपारी, ध्वज और नारियल ले जाना न भूलें। मंदिर के प्रधान पुजारी महाराज ने कहा कि मां दयालु हैं. मां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. देवी मां के चरणों में पान, सुपारी, ध्वज और नारियल चढ़ाना सर्वोत्तम होता है, इससे मां प्रसन्न होती हैं।
Navratri 2024 – पान के पत्ते का धार्मिक महत्व
पान के पत्ते का उल्लेख ‘स्कंद पुराण’ में मिलता है, जिसके अनुसार समुद्र मंथन के दौरान पान का उपयोग किया गया था। इसकी पत्तियों में विभिन्न देवी-देवताओं का वास माना जाता है, इसलिए पान के पत्तों का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
Navratri 2024 – ध्वजा का महत्व
किसी भी देवता को ध्वज चढ़ाने का विशेष महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि झंडा विजय का प्रतीक होता है और झंडे में ईश्वर का अंश होता है. इसलिए नवरात्रि के दौरान देवी को ध्वज चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी बिगड़े काम बन जाते हैं।
मंदिर के अंदर क्या ले जाया जा सकता है?
मां शारदा के दर्शन के समय आप केवल प्रसाद ही अंदर ले जा सकते हैं। बाकी सामान भी दुकानों में रखने की सुविधा की गई है।
सड़क मार्ग से सफर
मैहर परिवहन के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख मध्यम रेल लाइनों और सड़क मार्ग 30 NH (राष्ट्रीय राजमार्ग) दोनों से जुड़ा है। शारदा माता मंदिर मेहर रेलवे स्टेशन से 6 किमी दूर है।
आरती का समय क्या है?
प्रात:कालीन आरती- सुबह 5.30 बजे
मध्यान आरती- दोपहर 12.00 बजे
संध्या आरती- शाम 7.30 बजे (समय में परिवर्तन संभव)
माता में एक घंटे (दोपहर 12:00 से 1:00 बजे तक) विश्राम करेंगी। इस दौरान गर्भगृह के कपाट बंद रहेंगे।
आरती में कैसे शामिल हो सकते हैं?
आरती में शामिल होने के लिए ट्रस्ट ने कोई नियम तय नहीं करा है।
वीआइपी दर्शन की क्या व्यवस्था है?
मां शारदा के दर्शन के लिए वीआइपी दर्शन की कोई आधिकारिक व्यवस्था, टिकट या शुल्क नहीं है। सीढि़यों के अलावा रोपवे है जिसका किराया देकर आप सहजता से मां के दरबार में पहुंच सकते हैं।