मध्य प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। लगभग हर दूसरे दिन, कहीं न कहीं लोकायुक्त भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है।
ताज़ा मामला मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले का है जहाँ लोकायुक्त टीम ने जनपद पंचायत के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है।
कार्यक्रम अधिकारी ने 5000 रुपये की माँगी रिश्वत
बड़वानी ज़िले की पाटी तहसील के देवगढ़ गाँव निवासी सिरपिया डाबर ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में जनपद पंचायत पाटी में पदस्थ अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मंगल सिंह डाबर के ख़िलाफ़ रिश्वत माँगने की शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में सिरपिया डाबर ने बताया था कि वह हितग्राहीमूलक योजना के तहत पशुशाला बनवाना चाहते थे और उन्होंने ग्राम पंचायत देवगढ़ में इसके लिए आवेदन भी किया था।
आवेदन को आगे की कार्रवाई के लिए जनपद पंचायत पट्टी भेजा गया, जहाँ पदस्थ अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मंगल सिंह डाबर ने पशुशाला के लिए राशि स्वीकृत करने के एवज में उससे 5,000 रुपये की रिश्वत की माँग की।
लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया
लोकायुक्त टीम ने आवेदक सिरपिया डाबर की शिकायत की जाँच की और शिकायत सही पाए जाने पर मंगलवार, 22 जुलाई को जाल बिछाकर आवेदक को रिश्वतखोर अधिकारी मंगल सिंह के पास 5,000 रुपये की रिश्वत देने के लिए भेजा।
जैसे ही मंगल सिंह ने रिश्वत की राशि ली, सादे कपड़ों में मौजूद लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त ने आरोपी मंगल सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्रवाई की है।







