राजस्थान के झालावाड़ में शुक्रवार सुबह एक सरकारी स्कूल की छत गिर गई। इस हादसे में अब तक 6 बच्चों की मौत हो गई है और 11 घायल हुए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और सरकारी अमला मौके पर पहुँच गया और बड़ी संख्या में ग्रामीण भी जमा हो गए और मलबा हटाने और दबे बच्चों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया। झालावाड़ कलेक्टर और एसपी अमित कुमार बुडानिया भी मौके पर पहुँचे।
यह घटना मनोहरथाना क्षेत्र के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पिपलोदी में हुई। झालावाड़ एसपी अमित कुमार ने बताया, “चार बच्चों की मौत हो गई है और 17 घायल हैं। दस बच्चों को झालावाड़ रेफर किया गया है, जिनमें से तीन से चार की हालत गंभीर है।”
बच्चे सुबह करीब 8.30 बजे प्रार्थना के लिए स्कूल में थे, तभी स्कूल भवन के एक कमरे की छत गिर गई। इसमें 19 बच्चे मलबे में दब गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक छात्रों की उम्र 14 से 16 साल के बीच है।
राजस्थान के झालावाड़ जिले का एक छोटा सा गाँव है पिपलोदी, जो मनोहरथाना में पड़ता है। सुबह-सुबह बच्चे यहाँ के सरकारी स्कूल में पढ़ने पहुँचे। माता-पिता ने भी खुशी-खुशी अपने बच्चों को इस उम्मीद से स्कूल भेजा कि वे पढ़ेंगे और उनका नाम रोशन करेंगे। लेकिन सुबह 8 बजे इस स्कूल में कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरे राजस्थान में दहशत फैल गई। एक स्कूल की इमारत की दीवार गिर गई। उस समय बच्चे कक्षा में पढ़ रहे थे।
जैसे ही छत गिरी, उसके साथ पूरी दीवार भी गिर गई। इससे 35 बच्चे और शिक्षक मलबे में दब गए। घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। मदद-बचाओ की चीखें गूंजने लगीं। स्कूल का बाकी स्टाफ और आसपास के लोग भी वहाँ पहुँच गए। बच्चों को मलबे से बाहर निकाला जाने लगा। इसी बीच, सूचना मिलने पर पुलिस भी वहाँ पहुँच गई। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया। लेकिन तब तक 6 छात्रों और एक शिक्षक की मौत हो चुकी थी। 28 छात्रों को तुरंत इलाज के लिए सीएचसी अस्पताल ले जाया गया। कई छात्रों की हालत गंभीर थी।
फिलहाल बचाव अभियान पूरा हो गया है। हादसा क्यों हुआ, इसकी जाँच अभी जारी है। लेकिन माना जा रहा है कि इमारत बहुत पुरानी थी। इसके अलावा, बारिश का मौसम है। यहाँ भारी बारिश भी हो रही है। इसी वजह से यह हादसा हुआ होगा। यह स्कूल 1947 से चल रहा था।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन देवल ने कहा – झालावाड़ के एक स्कूल में हुई दुखद घटना की जानकारी मिली है। यह दुखद है, बच्चों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्चों का इलाज सरकारी खर्चे पर कराया जाएगा। छत कैसे गिरी, इसकी उच्च स्तरीय जाँच होगी। हादसे के बाद की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं। इनमें लोग मलबा हटाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
स्कूल की इमारत बहुत पुरानी थी
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल की इमारत बहुत पुरानी थी और बारिश के दौरान पानी के रिसाव की शिकायत पहले भी की जा चुकी थी। कई बार शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह हादसा एक बार फिर सरकारी स्कूलों की बदहाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। राज्य में पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के झालावाड़ में हुए हादसे पर दुख जताया है। X पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान के झालावाड़ स्थित एक स्कूल में हुआ हादसा दुखद और बेहद दर्दनाक है। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएँ प्रभावित छात्रों और उनके परिवारों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने जताया दुख
उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “झालावाड़ के पिपलोदी में स्कूल की छत गिरने से हुआ हादसा बेहद दुखद और हृदयविदारक है। संबंधित अधिकारियों को घायल बच्चों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने जताया दुख
इस बीच, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा – झालावाड़ के मनोहरथाना में एक सरकारी स्कूल की इमारत गिरने की खबर है, जिसमें कई बच्चे और शिक्षक घायल हुए हैं। मैं ईश्वर से कम से कम जनहानि और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।







