जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को अचानक बादल फटने की वजह से मुसीबतों का दौर शुरू हो गया। भयंकर बाढ़ ने इलाके को हिला कर रख दिया है। अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 120 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इसी के साथ करीब 200 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश लगातार जारी है। स्थानीय प्रशासन और राहत दल चौबीसों घंटे राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
JABALPUR : सिहोरा में 15 करोड़ की बैंक डकैती, मास्टरमाइंड सहित कई अहम सुराग मिले
बाढ़ के कहर ने जनजीवन ठप कर दिया है। सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, तीर्थयात्री भी इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गए हैं। प्रशासन की ओर से तुरंत कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क एक्टिव कर दिए गए हैं, ताकि जरूरतमंदों को तुरंत सहायता मिल सके।
सीआईएसएफ के जवान भी शहीद
मुसीबत के बीच दो सीआईएसएफ जवानों के शहीद होने की खबर ने हर किसी को झकझोर दिया है। घायलों का इलाज पास के अस्पतालों में किया जा रहा है और डॉक्टर हर संभव मदद दे रहे हैं।
हाई अलर्ट! केंद्र सरकार भी एक्टिव
इस पूरे हादसे की खबर मिलते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और उमर अब्दुल्ला से फोन पर बात की। अमित शाह ने भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार हर स्तर पर मदद के लिए तैयार है। राहत कार्यों में तेजी लाने और जरूरी संसाधनों को तुरंत भेजने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
राहत कार्य जोरों पर, सड़कें और पुल भी टूटे
तेज बाढ़ और मलबे ने कई सड़कों और पुलों को भी बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। बावजूद इसके, रेस्क्यू टीमें डटी हुई हैं और फंसे हुए लोगों को निकालने की हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं। स्थानीय लोग और स्वयंसेवी भी भरपूर सहयोग कर रहे हैं।
डरे-सहमे लोग, लेकिन उम्मीद कायम
किश्तवाड़ में बादल फटने के बाद हालात बेहद खराब हैं। 33 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है, 120 से ज्यादा घायल हैं और कई लोग अब भी लापता हैं। राहत कार्य जारी हैं और प्रशासन और केंद्र सरकार पूरी शिद्दत से लोगों की मदद करने में जुटे हैं।








