लद्दाख के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर लेह में हुए आंदोलन को भड़काने के आरोप में पुलिस ने सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है।
वांगचुक को उनके गांव से शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद एयरलिफ्ट कर रात में राजस्थान के जोधपुर की सेंट्रल जेल स्थानांतरित कर दिया।
वांगचुक पर कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है। इसमें लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत में रखा जा सकता है। इस बीच, लेह प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है। यहां कर्फ्यू तीसरे दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को तेजी से घटनाक्रम बदला वांगचुक को लेह में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करना था, लेकिन जब वे नहीं पहुंचे, तो लेह एपेक्स बॉडी के सदस्य चिंतित हुए।
जब उन्हें गिरफ्तारी की खबर लगी तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि पुलिस सीआरपीएफ ने पानी की बौछारों या चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाए बिना अंधाधुंध गोलीबारी की। इधर, गिरफ्तारी से पहले वांगचुक ने वीडियो जारी कर सरकार के आरोपों को बलि का बकरा बनाने की कोशिश बताया।
पहले दिल्ली, फिर जोधपुर लाए गए जोधपुर
सोनम वांगचुक को लेह से गिरफ्तार कर पहले दिल्ली ले जाया गया। वहां से विशेष व्यवस्था के तहत जोधपुर लाया गया। एयरफोर्स स्टेशन से सीधे सेंट्रल जेल पहुंचाया गया। शुक्रवार दोपहर 3 बजे सेंट्रल जेल में यह कहकर विशेष तैयारियां शुरू कर दी गई थीं कि किसी वीआईपी को लाया जा रहा है।
रात 8:30 बजे पुलिस सेना की गाड़ियां जेल पहुंचीं । वांगचुक को जिस वार्ड में रखा गया है, वहां कैदी ही नहीं, स्टाफ तक को जाने की अनुमति नहीं है। उन पर उच्चाधिकारी लगातार नजर रखे हुए हैं।








