गाजियाबाद ज़िले से पुलिस विभाग को हिला देने वाला मामला सामने आया है। लोनी थाने में तैनात रहे दारोगा जय सिंह निगम पर एक महिला ने रेप, धोखाधड़ी और जबरन गर्भपात कराने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। अदालत के आदेश पर आरोपी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
जांच के बहाने शुरू हुई पहचान
पीड़िता के अनुसार, वर्ष 2019 में थाना साहिबाबाद क्षेत्र में दर्ज एक मामले की जांच के दौरान उसकी मुलाकात जय सिंह निगम से हुई थी। इसी दौरान आरोपी ने खुद को अविवाहित बताते हुए उससे नज़दीकियां बढ़ाईं और शादी का वादा किया। महिला का कहना है कि आरोपी ने विश्वास हासिल करने के बाद शारीरिक संबंध बनाए। कुछ समय बाद जब वह गर्भवती हुई, तो दवाइयां देकर उसका जबरन गर्भपात करा दिया गया।
झूठे रिश्ते की आड़ में शोषण
महिला ने बताया कि आरोपी दारोगा ने 1 जुलाई 2024 को आर्य समाज मंदिर में उससे शादी की और अगले दिन कोर्ट मैरिज का पंजीकरण भी कराया। लेकिन शादी के बावजूद आरोपी उसे अपने साथ नहीं ले गया। बाद में खुलासा हुआ कि जय सिंह निगम पहले से शादीशुदा हैं और उनके परिवार में पत्नी व बच्चे हैं। यह जानने के बाद जब महिला ने विरोध किया तो आरोपी ने उसे धमकाने की कोशिश की।
शिकायत पर कार्रवाई न होने से कोर्ट का सहारा
पीड़िता का आरोप है कि उसने कई बार पुलिस अधिकारियों से शिकायत की, पर कार्रवाई की जगह उस पर और उसके परिवार पर दबाव डाला गया। यहां तक कि उसके भाई को भी झूठे केस में फंसवा दिया गया। अंततः महिला ने न्याय के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया, जिसके निर्देश के बाद एफआईआर दर्ज हो सकी।
आरोपी पर कार्रवाई को लेकर बढ़ा दबाव
फिलहाल आरोपी दारोगा की तैनाती बरेली में होने की बात सामने आ रही है। इस पूरे प्रकरण ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं कि क्यों एक पीड़िता को विभागीय जांच के बजाय अदालत का सहारा लेना पड़ा। महिला आयोग और स्थानीय सामाजिक संगठनों ने इस केस की निष्पक्ष जांच और आरोपी को तत्काल निलंबित करने की मांग की है।








