देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों के लिए नई सर्विस फीस नीति का ऐलान किया है। बैंक ने क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए चार्ज संरचना में बदलाव किए हैं, जो 1 नवंबर 2025 से लागू होंगे। इस निर्णय का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो अंतरराष्ट्रीय खरीदारी, ऑनलाइन भुगतान या रिवॉर्ड पॉइंट्स के जरिए उत्पाद खरीदते हैं।
विदेशी मुद्रा और पेमेंट सेवाओं पर नया चार्ज
एसबीआई ने स्पष्ट किया है कि विदेशी मुद्रा में किए जाने वाले लेनदेन पर अब 3.5 प्रतिशत शुल्क देना होगा। यह शुल्क ऑरम, एलीट और प्राइम एनआरआई सुरक्षित कार्ड को छोड़कर सभी क्रेडिट कार्ड पर लागू होगा। वहीं कुछ अन्य प्रीमियम कार्ड पर यह दर 1.99 प्रतिशत से शुरू होकर तीन प्रतिशत तक रखी गई है। इसका असर उन ग्राहकों पर सबसे ज्यादा होगा जो विदेश यात्रा या अंतरराष्ट्रीय वेबसाइटों पर भुगतान करते हैं।
रिवॉर्ड पॉइंट्स से खरीद पर भी चार्ज
अब तक एसबीआई कार्ड यूजर्स अपने रिवॉर्ड पॉइंट्स से वाउचर या उत्पाद खरीदते समय कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देते थे। लेकिन नई नीति के तहत अब हर रिवॉर्ड ट्रांजैक्शन पर 99 रुपये का चार्ज लगाया जाएगा। हालांकि, बैंक ने ऑरम कार्ड धारकों को इस शुल्क से छूट दी है।
उपभोक्ताओं में नाराजगी, बैंक ने दी सफाई
बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम बैंकों की बढ़ती परिचालन लागत और डिजिटल ट्रांजैक्शन प्रबंधन खर्च की भरपाई के लिए उठाया गया है। वहीं ग्राहक इसे “छिपे हुए बोझ” के तौर पर देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इन चार्जेज को लेकर असंतोष जताया है।
एसबीआई के प्रवक्ता ने बताया, “नई शुल्क दरें ग्राहकों को बेहतर सुरक्षा, वैश्विक सुविधा और भुगतान समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की जा रही हैं।” बैंक ने कहा कि उपभोक्ताओं को समय रहते सूचित किया जाएगा ताकि वे अपने ट्रांजैक्शन व्यवहार को उसके अनुसार समायोजित कर सकें।








