सिवनी में हवाला कारोबारी सोहनलाल एसडीओपी गोद में बच्चा लेकर पहुंचीं कोर्ट परमार ( 38 ) से 2.96 करोड़ लुटने वाले 11वें पुलिसकर्मी राजेश जंघेला को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राजेश प्रधान आरक्षक था। वहीं लूट के सवा करोड़ रुपए भी जब्त कर लिए हैं।
इससे पहले 1.45 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं। इधर, हाई कोर्ट ने पुलिस की बर्बरता पर सवाल उठाए हैं। परमार की पत्नी गंगा बाई ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी। कोर्ट ने सिवनी कंट्रोल रूम के 10 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक के फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।
याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की बेंच में हुई। सिवनी हवाला कांड में पुलिस की बर्बरता पर हाई कोर्ट ने सवाल उठाए हैं। पुलिस पर न केवल बिना रिमांडु और कोर्ट में पेश किए बंदी को कब्जे में रखने का आरोप लगा है, बल्कि हवाला की रकम को सट्टा बताने के लिए दबाव बनाने और मारपीट करने के गंभीर आरोप भी कोर्ट में पेश किए गए हैं।
सिवनी पुलिस ने व्यापारी सोहनलाल परमार ( 38 ) को अपनी गिरफ्त में लिया था। साथ ही पुलिस को सोहनलाल की मेडिकल जांच (एमएलसी) कराने और परिवार को सुरक्षा देने के भी आदेश दिए। इसके बाद याचिका निराकृत कर दी गई। सुनवाई के दौरान सोहनलाल खुद कोर्ट में पेश हुए और अपनी आपबीती रोते हुए सुनाई। सोहनलाल की वकील प्रियंका दुबे ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने बिना किसी ठोस सबूत के सोहनलाल को गिरफ्तार किया, उस पर मारपीट की गई और वह खुद पुलिस को लूट की शिकायत करने वाला था।
लेकिन पुलिस ने ही उसे पकड़ लिया। गिरफ्तार किया गया, 12 अक्टूबर को छोड़ दिया गया, लेकिन शाम को फिर से उठाया गया । इस घटना के बाद याचिका दायर की गई। बताया गया कि जो रकम सिवनी पुलिस के कब्जे में थी, वह कटनी में एक प्रॉपर्टी खरीदने के लिए भेजी गई थी। लेकिन सौदा रद्द होने पर रकम वापस लाने के दौरान सिवनी पुलिस ने कार को रोक लिया था।
पुलिस पर आरोप है कि सोहनलाल ने लूट की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने इसे दबा दिया और रकम को सट्टा बताने के लिए दबाव बनाया। साथ ही कंट्रोल रूम में मारपीट की गई। वकील प्रियंका दुबे ने कोर्ट को बताया कि जब्त रकम का पूरा हिसाब आने वाले दिनों में प्रस्तुत किया जाएगा।








