मध्यप्रदेश
दमोह उपचुनाव के नतीजे के बाद आत्मचिंतन में जुटा भाजपा संगठन

भोपाल। दमोह उपचुनाव के नतीजे की समीक्षा कर रही भाजपा चिंतन की मुद्रा में है। सत्ता में मौजूदगी और मजबूत संगठन रहते हुए उसके तीन दशक पुराने किले में ढाई साल के दौरान दूसरी हार को शीर्ष नेतृत्व गंभीर संकेत मान रहा है। पार्टी ने कांग्रेस से आए राहुल लोधी को मौका दिया था, जो 2018 के विस चुनाव में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी यहां भाजपा को मात दे चुके थे। लोधी की हार को दलबदल के खिलाफ जनमत माना जा रहा है तो खुद भाजपा में भितरघात का परिणाम, वहीं संगठन के लिहाज से कांग्रेस से मिलती नई चुनौती भी। चूंकि अब झाबुआ लोकसभा सीट सहित विस की कुछ सीटों पर उपचुनाव और स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं, तो भाजपा अब नए सिरे से जनता की नब्ज टटोलने और संगठन में असंतोष को भांपकर समय रहते विकल्प पर विचार की तरफ फोकस करेगी।