Anklet design : जानिए शादी के बाद महिलाओ को क्यों पायल पहनना है अनिवार्य

Anklet design : पैरों में पायल पहनी जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाने वाला एक आभूषण मात्र है। अगर आप पायल को सिर्फ आभूषण (Jewellery ) के तौर पर देखते हैं तो आप गलत हैं। हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए पायल अनिवार्य है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है क्यों? ऐसा माना जाता है कि ये पैर एक शादीशुदा महिला की पहचान होते हैं। इसके अलावा हम आपको बताते हैं कि पायल पहनने का महत्व (Importance) सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी है। आज इस आर्टिकल में हम आपको पायल पहनने का महत्व और मान्यता बताएंगे।
Anklet design : पायल का इतिहास
हील्स की उत्पत्ति भारत में प्राचीन काल से हुई थी और उस समय भारी पैरों को धन का प्रतीक माना जाता था। यानी कि अगर कोई महिला भारी हील्स पहनती है तो वह अमीर परिवार (Family) से होगी।
प्राचीन समय में हल्की एड़ियों को गरीबी की निशानी के रूप में देखा जाता था। इतना ही नहीं, हम्पी की मूर्तियां यह भी दर्शाती हैं कि पायल वर्षों से हमारे आभूषणों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। हम आपको बता दें कि पायल को पतिलू, पायल, गोलसु और कई जगहों पर नुपुर भी कहा जाता है।
Anklet design : सोलह श्रृंगार का हिस्सा है
पैर महिलाओं के सोलह श्रृंगार का अहम हिस्सा होते हैं। सोलह श्रृंगार में बिंदी, सिन्दूर, चूड़ियाँ, पायल आदि शामिल हैं। इसी वजह से शादीशुदा (Married) महिलाएं हमेशा अपने पैरों में पायल पहनती हैं। लेकिन हिंदू धर्म में ज्यादातर शादीशुदा महिलाएं पैरों में पायल पहनती हैं। महिलाओं के लिए पैर शुभ माने जाते हैं। पायल को शादी समारोह से जोड़कर देखा जाता है।
Anklet design : सुख-समृद्धि का प्रतीक
भारतीय ज्योतिष के अनुसार चांदी का संबंध चंद्रमा से होता है। हिंदू धर्म का मानना है कि चांदी की उत्पत्ति शिव की देन है। इसी वजह से चांदी को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। साथ ही लोगों का मानना है कि चांदी की पायल महिलाओं ( Women ) की ओर दैवीय शक्ति को आकर्षित करती है। पायल महिलाओं की रक्षा करती हैं.
Anklet design : सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
Anklet design यह बात तो हम सभी जानते हैं कि पैरों में बहुत सी कैविटी होती हैं। इस छिद्र से निकलने वाली ध्वनि सकारात्मक (Positive)ऊर्जा उत्पन्न करती है। इसलिए महिलाओं के लिए हील्स पहनना अनिवार्य है। चांदी की पायल बाधा का काम करती है। जैसे हमारे शरीर की ऊर्जा हमारे पैरों के माध्यम से शरीर से बाहर निकलती है। ऐसे में जब महिलाएं चांदी की पायल पहनती हैं तो शरीर से ऊर्जा बाहर नहीं निकल पाती है। परिणामस्वरूप हमारा शरीर सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
Anklet design : पायल चांदी की ही क्यों पहनें?
विज्ञान के अनुसार चांदी अन्य धातुओं की तुलना में ठंड पर अधिक प्रतिक्रिया करती है। चाँदी पृथ्वी की ऊर्जा के साथ आसानी से प्रतिक्रिया (feedback) करने में सक्षम है। इसका मतलब है कि हमारे आस-पास जो कुछ भी घटित होता है, हम उससे प्रभावित हो सकते हैं। इसी वजह से ज्यादातर चांदी की पायल ही पहनी जाती है।
साथ ही क्या आपने कभी सोचा है कि सोने की पायल क्यों नहीं पहनी जाती? तो हम आपको बता दें कि सोना सिर्फ हमारे शरीर के साथ प्रतिक्रिया करता है। इसी वजह से सोने के आभूषणों का प्रयोग केवल शरीर के ऊपरी हिस्से पर ही किया जाता है।
Anklet design : पायल पहनने के कई फायदे हैं।
जो महिलाएं चांदी की पायल पहनती हैं उनके पैरों में दर्द कम होता है। क्योंकि चांदी शरीर में रक्त संचार में मदद करती है।
पायल पहनने से हड्डियां मजबूत होती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाओं (Women ) में अक्सर टखना पैरों की हड्डियों से टकराता है, जिससे हड्डियां सख्त हो जाती हैं।
कई लोगों का मानना है कि पैरों की सूजन पैरों पर नहीं होती है। इसलिए महिलाओं को चांदी की पायल पहनने की सलाह दी जाती है।