Big blow Maruti : कंपनी ने बढ़ाई कार की कीमत, आज से लागू होगी नई कीमत

Big blow Maruti : 23 मार्च को मारुति सुजुकी(Suzuki) ने कीमतों में बढ़ोतरी का संकेत दिया था। कंपनी ने कहा कि वह लागत प्रभाव को आंशिक रूप से कम करने के लिए अप्रैल में अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतें बढ़ाएगी।
मारुति सुजुकी ने नए वित्त वर्ष के पहले दिन ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, मारुति सुजुकी(Suzuki) ने अपनी कारों की कीमतों में करीब 0.80 फीसदी की बढ़ोतरी की है। नई दरें 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी हैं।
Big blow Maruti : कंपनी ने कहा कि सभी मॉडलों की कीमतों में औसतन 0.80 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.आपको बता दें कि मारुति सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है और इसके ज्यादातर मॉडल मध्यम वर्गीय परिवारों में काफी लोकप्रिय हैं।
23 मार्च को दिए थे संकेत: 23 मार्च को मारुति सुजुकी(Suzuki) ने कीमतों में बढ़ोतरी का संकेत दिया था। कंपनी ने कहा कि वह लागत प्रभाव को आंशिक रूप से कम करने के लिए अप्रैल में अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतें बढ़ाएगी। कंपनी ने कहा कि लागत कम करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।
Big blow Maruti : मारुति सुजुकी ने 2022-23 में अब तक की बिक्री में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो कि 19,66,164 इकाई है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 16,52,653 इकाई थी। मारुति ने समाप्त वित्त वर्ष में घरेलू बाजार(market) में 17,06,831 इकाइयां बेचीं, जो 2021-22 में 14,14,277 इकाइयों से 21 प्रतिशत अधिक थी।
पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च 2023 में भारत में बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। आर्थिक निगरानी से जुड़ी संस्था सीएमआईई ने कहा कि मार्च में भारत की बेरोजगारी दर तीन महीने के उच्चतम स्तर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गई।
इससे पहले दिसंबर 2022 में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.30 फीसदी हो गई थी, लेकिन जनवरी में यह गिरकर 7.14 फीसदी पर आ गई. लेकिन फरवरी में यह फिर बढ़कर 7.45 फीसदी हो गया।
हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक मार्च में शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 8.4 फीसदी रही जबकि ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर 7.5 फीसदी रही।
राज्यों की बात करें तो हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर 26.8 प्रतिशत और उसके बाद राजस्थान में 26.4 प्रतिशत है। बेरोजगारी दर जम्मू-कश्मीर में 23.1 फीसदी, सिक्किम में 20.7 फीसदी, बिहार में 17.6 फीसदी और झारखंड में 17.5 फीसदी है।
