Singrauli : बीते रविवार देर शाम से ही मोरवा क्षेत्र में उड़ रही राख से शहर मानो शहर राख की चादर से ढक गया था। सोमवार सुबह लोगों के घरों और गाड़ियों पर भारी मात्रा में राख देखी गई। लोगों का मानना है कि कोल खदान से सटे इलाकों में उड़ रही राख एक गंभीर समस्या बन रही है।
इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है बल्कि स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। वैसे तो खदानों में आग लगना एक आम समस्या है जिससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता रहती है, परंतु शायद इसकी चिंता लापरवाह एनसीएल प्रबंधन को नहीं है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बीते माह जयंत खदान के नजदीक हुए प्रदर्शन के दौरान भी जब लोग खदान में उतरे थे, तब उन्हें जलते हुए कोयले का अंबर दिखा था। वहीं सूत्र बताते हैं कि जयंत एवं निगाही खदान में लंबे समय से कोयला जल रहा है, जिसे बुझाने का प्रयास नहीं किया गया। बताया जाता है कि इस दौरान लाखों का कोयला जलकर बर्बाद हो गया,
जिसकी शायद प्रबंधन के अधिकारियों को परवाह नहीं है। सूत्रों के अनुसार खदान समेत उसके फेस एवं कोल स्टॉक के यार्ड में भी प्रचुर मात्रा में कोयला जल रहा है। बीते दिनों हुई भारी बरसात के कारण जलते कोयले कुछ हद तक बुझ गए हैं, और अब यह आसपास के क्षेत्र में इसकी राख फैलती जा रही है। जो स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।








