Building Materials – ईंट, सरिया, सीमेंट से लेकर रेत तक सस्ता

Building Materials – अभी घर बनाने के सपने को पूरा करने में कई कारक मदद कर रहे हैं। सरकार के प्रयासों के अलावा कुछ कारक फायदेमंद भी हैं। मानसून शुरू होते ही निर्माण कार्य कम होने लगता है, जिससे निर्माण सामग्री की मांग अपने आप कम होने लगती है। जैसे-जैसे बाजार में मांग घटती है, इन मटीरियल्स के दाम धड़ाम हो जाते हैं.
अब अपने सपनों का घर पूरा करने का सबसे अच्छा समय है। कम डीजल-पेट्रोल की कीमतें, बरसात के मौसम जैसे कारक किफायती आवास का एक बड़ा संयोजन बना रहे हैं। यह संयोग इतना अच्छा है कि घर बनाने में इस्तेमाल होने वाली सभी जरूरी चीजों की कीमत कम हो गई है। न सिर्फ सरिया का भाव (Saria Rate) रिकॉर्ड हाई से टूटकर नीचे आया है, बल्कि सीमेंट (Cement Rate) से लेकर रेत (Sand Rate) और ईंट (Bricks Rate) तक सस्ते हो गए हैं
Building Materials – 20 हजार तक गिरा सरिया का रेट
सरकार ने स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। इससे घरेलू बाजार में स्टील उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट आई है। सरिया की कीमतों में आई कमी की भी मुख्य वजह यही है. अनुमान है कि अप्रैल में सरिया का खुदरा मूल्य 82,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच गया था, जो अब घटकर 62-63,000 रुपये प्रति टन हो गया है। फिलहाल ब्रांडेड बार की कीमत भी घटकर 92-93 हजार रुपये प्रति टन हो गई है। एक महीने पहले इनकी कीमत 96,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच गई थी।
सरिया की खुदरा कीमत (रुपये प्रति टन):
नवंबर 2021 : 70000
दिसंबर 2021 : 75000
जनवरी 2022 : 78000
फरवरी 2022 : 82000
मार्च 2022 : 83000
अप्रैल 2022 : 78000
मई 2022 (शुरुआत) : 71000
मई 2022 (अंतिम सप्ताह): 62-63000
Building Materials – इतने कम हो गए ब्रांडेड सीमेंट के भाव
कारोबारियों के अनुसार, सरिया के बाद बाजार में सीमेंट का भाव (Cement Prices) भी पिछले दो-तीन सप्ताह में 60 रुपये तक कम हुआ है. बिड़ला उत्तम (Birla Uttam) सीमेंट की एक बोरी पहले 400 रुपये में मिल रही थी, अब इसका भाव कम होकर 380 रुपये हो गया है. इसी तरह बिड़ला सम्राट (Birla Samrat) का भाव 440 रुपये से कम होकर 420 रुपये बोरी और एसीसी का भाव 450 रुपये से घटकर 440 रुपये बोरी हो गया है. कारोबारियों ने कहा कि सीमेंट की कीमतें अभी भी सामान्य से ज्यादा ही हैं. उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले दिनों में सीमेंट व सरिया जैसे बिल्डिंग मटीरियल के दाम में और गिरावट देखने को मिल सकती है. खासकर सीमेंट के दाम पर डीजल-पेट्रोल के सस्ते होने का असर पड़ेगा.
Building Materials – डीजल-पेट्रोल से और सस्ता होगा सीमेंट
दरअसल अभी कई फैक्टर घर बनाने का सपना पूरा करने में सहयोग कर रहे हैं. पहले तो सरकार ने आसमान छूती महंगाई (Inflation) को कम करने के लिए डीजल और पेट्रोल पर टैक्स घटा दिया. इसके बाद घरेलू बाजार में स्टील की कीमतें नियंत्रित करने के लिए इसके निर्यात पर टैक्स बढ़ा दिया गया. सरकार के प्रयासों के अलावा भी कुछ फैक्टर अनुकूल हैं. बारिश का मौसम शुरू होते ही निर्माण कार्यों में कमी आने लगती है, जिससे बिल्डिंग मटीरियल्स की डिमांड खुद ही कम होने लगती है. मार्केट में जैसे ही डिमांड गायब होती है, इन मटीरियल्स के दाम धड़ाम हो जाते हैं.
Building Materials – ये फैक्टर मिलकर बना रहे मुहूर्त
रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) के बुरे हालात भी इस समय सहयोग कर रहे हैं. एक के बाद एक कई बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां (Real Estate Companies) दिवालिया हो रही हैं. नए प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग ऑलमोस्ट ठप है. डेवलपर्स (Developers) के कई पुराने प्रोजेक्ट लटके हुए हैं. छोटे बिल्डर (Builders) भी प्रोजेक्ट नहीं ला रहे हैं. इस कारण ईंट, सीमेंट, सरिया यानी छड़, रेत जैसी चीजों की डिमांड निचले स्तर पर है. बारिश के मौसम में आम लोग भी घर बनाना पसंद नहीं करते हैं. इस तरह कुल मिलाकर देखें तो यह ‘अपने घर’ का सपना पूरा करने का सबसे शुभ मुहूर्त चल रहा है.

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Building Materials – अभी घर बनाने के सपने को पूरा करने में कई कारक मदद कर रहे हैं। सरकार के प्रयासों के अलावा कुछ कारक फायदेमंद भी हैं। मानसून शुरू होते ही निर्माण कार्य कम होने लगता है, जिससे निर्माण सामग्री की मांग अपने आप कम होने लगती है। जैसे-जैसे बाजार में मांग घटती है, इन मटीरियल्स के दाम धड़ाम हो जाते हैं.
अब अपने सपनों का घर पूरा करने का सबसे अच्छा समय है। कम डीजल-पेट्रोल की कीमतें, बरसात के मौसम जैसे कारक किफायती आवास का एक बड़ा संयोजन बना रहे हैं। यह संयोग इतना अच्छा है कि घर बनाने में इस्तेमाल होने वाली सभी जरूरी चीजों की कीमत कम हो गई है। न सिर्फ सरिया का भाव (Saria Rate) रिकॉर्ड हाई से टूटकर नीचे आया है, बल्कि सीमेंट (Cement Rate) से लेकर रेत (Sand Rate) और ईंट (Bricks Rate) तक सस्ते हो गए हैं
Building Materials – 20 हजार तक गिरा सरिया का रेट
सरकार ने स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। इससे घरेलू बाजार में स्टील उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट आई है। सरिया की कीमतों में आई कमी की भी मुख्य वजह यही है. अनुमान है कि अप्रैल में सरिया का खुदरा मूल्य 82,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच गया था, जो अब घटकर 62-63,000 रुपये प्रति टन हो गया है। फिलहाल ब्रांडेड बार की कीमत भी घटकर 92-93 हजार रुपये प्रति टन हो गई है। एक महीने पहले इनकी कीमत 96,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच गई थी।
सरिया की खुदरा कीमत (रुपये प्रति टन):
नवंबर 2021 : 70000
दिसंबर 2021 : 75000
जनवरी 2022 : 78000
फरवरी 2022 : 82000
मार्च 2022 : 83000
अप्रैल 2022 : 78000
मई 2022 (शुरुआत) : 71000
मई 2022 (अंतिम सप्ताह): 62-63000
Building Materials – इतने कम हो गए ब्रांडेड सीमेंट के भाव
कारोबारियों के अनुसार, सरिया के बाद बाजार में सीमेंट का भाव (Cement Prices) भी पिछले दो-तीन सप्ताह में 60 रुपये तक कम हुआ है. बिड़ला उत्तम (Birla Uttam) सीमेंट की एक बोरी पहले 400 रुपये में मिल रही थी, अब इसका भाव कम होकर 380 रुपये हो गया है. इसी तरह बिड़ला सम्राट (Birla Samrat) का भाव 440 रुपये से कम होकर 420 रुपये बोरी और एसीसी का भाव 450 रुपये से घटकर 440 रुपये बोरी हो गया है. कारोबारियों ने कहा कि सीमेंट की कीमतें अभी भी सामान्य से ज्यादा ही हैं. उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले दिनों में सीमेंट व सरिया जैसे बिल्डिंग मटीरियल के दाम में और गिरावट देखने को मिल सकती है. खासकर सीमेंट के दाम पर डीजल-पेट्रोल के सस्ते होने का असर पड़ेगा.
Building Materials – डीजल-पेट्रोल से और सस्ता होगा सीमेंट
दरअसल अभी कई फैक्टर घर बनाने का सपना पूरा करने में सहयोग कर रहे हैं. पहले तो सरकार ने आसमान छूती महंगाई (Inflation) को कम करने के लिए डीजल और पेट्रोल पर टैक्स घटा दिया. इसके बाद घरेलू बाजार में स्टील की कीमतें नियंत्रित करने के लिए इसके निर्यात पर टैक्स बढ़ा दिया गया. सरकार के प्रयासों के अलावा भी कुछ फैक्टर अनुकूल हैं. बारिश का मौसम शुरू होते ही निर्माण कार्यों में कमी आने लगती है, जिससे बिल्डिंग मटीरियल्स की डिमांड खुद ही कम होने लगती है. मार्केट में जैसे ही डिमांड गायब होती है, इन मटीरियल्स के दाम धड़ाम हो जाते हैं.
Building Materials – ये फैक्टर मिलकर बना रहे मुहूर्त
रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) के बुरे हालात भी इस समय सहयोग कर रहे हैं. एक के बाद एक कई बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां (Real Estate Companies) दिवालिया हो रही हैं. नए प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग ऑलमोस्ट ठप है. डेवलपर्स (Developers) के कई पुराने प्रोजेक्ट लटके हुए हैं. छोटे बिल्डर (Builders) भी प्रोजेक्ट नहीं ला रहे हैं. इस कारण ईंट, सीमेंट, सरिया यानी छड़, रेत जैसी चीजों की डिमांड निचले स्तर पर है. बारिश के मौसम में आम लोग भी घर बनाना पसंद नहीं करते हैं. इस तरह कुल मिलाकर देखें तो यह ‘अपने घर’ का सपना पूरा करने का सबसे शुभ मुहूर्त चल रहा है.
