मप्र में बाढ़ की स्थिति – पार्वती नदी का जलस्तर बढऩे से गुना में आठ गांव डूब

ग्वालियर-चंबल में बाढ़ के बीच मध्यप्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति बन गई है। नदियां उफान पर हैं। पार्वती नदी के दोबारा उफान पर आ गई है। इससे गुना के 8 गांवों में पानी घुस गया है। रास्ते बंद हो गए हैं। यहां सोढ़ी नाम का गांव टापू बन गया है। यहां 180 लोग फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए एनडीआरएफ बुलाई गई है। इसके अलावा, अशोकनगर और विदिशा के भी हालात बिगड़ गए हैं। गांवों से लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। छतरपुर और टीकमगढ़ में सुजारा बांध भर गया है। दशान नदी में बाढ़ की स्थिति है।
इसकी वजह से दोनों जिले में नदी के किनारे के गांवों को अलर्ट किया गया है। गुना जिले में औसत बारिश का रिकॉर्ड टूट गया है। शुक्रवार तक जिले में 1100 मिमी बारिश हो चुकी है। जिले की सामान्य बारिश 1053.5 मिमी है। शुक्रवार को सुबह 8 बजे से पांच बजे तक 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। बमोरी में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। बमोरी की औसत वर्षा 1006 के मुकाबले अभी तक 1592 मिमी बारिश दर्ज हुई है। इधर, चौपेटा नदी पर बने गोपीकृष्ण सागर बांध के 3 गेट 15 मीटर खोल दिए गए हैं। पार्वती नदी भी उफान पर आ गई है। 8 गांवों में पानी भर गया है। पार्वती किनारे सोढ़ी गांव टापू बन गया है। इनमें हमीरपुर पाटी, विलास, बिसनवाड़ा के अलावा 4 गांव और हैं। सोढ़ी गांव में करीब 180 लोग फंसे हैँ, जिन्हें निकालने के लिए एनडीआरएफ बुलाई है। 450 लोग राहत शिविरों में लाए गए हैं।
आगर मालवा जिले में बारिश का दौर लगातार जारी है, रात से जारी बारिश के चलते नलखेड़ा में स्थित प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर के समीप बरसाती नाले की पुलिया उफान पर आ जाने से मंदिर का मुख्य रास्ता बंद हो गया है। साथ ही नलखेड़ा में निचली बस्तियों में जलभराव की भी स्थति बनने लगी है। क्षेत्र के सबसे बड़े कुंडालिया बांध के 8 गेट खोले दिए गए है। निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। जिले में पिछले 24 घंटे में औसत 43.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें सर्वाधिक नलखेड़ा में 80.4 मिमी दर्ज की गई है।