Green Bangles : पूर्णिया के कई चूड़ी व्यवसायियों ने बताया कि सावन शुरू होते ही उनके कारोबार की गति बढ़ जाती है. वर्तमान में हरी चूड़ियों की मांग सबसे ज्यादा है। इससे व्यापारियों को अच्छी आमदनी होती है और वे अलग-अलग डिजाइन की चूड़ियों का स्टॉक भी ज्यादा रखते हैं।
वैसे तो सावन में श्रृंगार की परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन सावन में हरी चूड़ियों की काफी मांग रहती है, जिसके कारण चूड़ी व्यापारी विभिन्न कलेक्शन में इसका बड़ा स्टॉक रखते हैं। सावन सबसे पवित्र महीना माना जाता है. जिसके कारण सावन के महीने में शादीशुदा महिलाएं हरी चूड़ियां पहनना पसंद करती हैं। इसलिए हरे रंग से लोगों को हरापन मिलता है और हरे रंग से लोग ऊर्जावान रहते हैं।
हरदा, पूर्णिया के चूड़ी व्यवसायी मुरलीधर गोस्वामी, दिनेश कुमार, शुभम कुमार व राकेश कुमार समेत अंकित व अन्य दुकानदारों ने बताया कि सावन माह में हरे रंग की चूड़ियां, मेंहदी, बिंदिया व लाल रंग की चूड़ियां, नेल पॉलिश आदि की बिक्री होती है. 16 सजावट में बहुत कुछ है.
विक्रेताओं ने बताया कि विवाहित महिलाओं की पहली मांग सावन की हरी चूड़ियां होती है। ( Green Bangles ) दरअसल कांच की हर चूड़ी या लहठी शादीशुदा महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय है।
नवविवाहिताएं भी हरी चूड़ियां पहनना पसंद करती हैं, ऐसे में सावन के महीने की शुरुआत से ही चूड़ियों का कारोबार जोर पकड़ लेता है, जिसके चलते वहां के सभी चूड़ी ( Green Bangles ) व्यापारी और दुकानदार अलग-अलग तरह का स्टॉक रखना शुरू कर देते हैं.
हरी चूड़ियां खरीदने वाली महिलाओं ने भी बताया
हरी चूड़ियां खरीदने आईं कविता, नूतन, पूनम, गुड़िया पूजा, स्वीटी समेत अन्य महिलाओं ने बताया कि सावन में सजने-संवरने की परंपरा हमारे पूर्वजों से चली आ रही है। खासकर सावन के महीने में हम सभी महिलाएं मेहंदी के साथ सोलह श्रृंगार के साथ हरी साड़ी और हरी चूड़ियां पहनने की अनोखी परंपरा निभा रही हैं. हालाँकि, हरे रंग की चूड़ियाँ एक विवाहित महिला के लिए सुहाग का प्रतीक भी मानी जाती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के बारे मे मिली जानकारी
वही जानकारी देते हुए पूर्णिया के पंडित मनोतपाल झा ने बताया कि सावन का महीना हरियाली और प्रकृति का महीना माना जाता है. शास्त्रों में नारी को शक्ति यानी प्रकृति का रूप माना गया है। हरा रंग ( Green Bangles ) उर्वरता और हरित शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसलिए सौना में हरी चूड़ियों के साथ मेंहदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।