Gwalior Temple : अगर आप ग्वालियर जा रहे है तो इन मदिरों का दर्शन जरूर करें

Gwalior Temple : ग्वालियर अपने समृद्ध इतिहास(rich history) के लिए जाना जाता है। यहां केवल पुराने किले या ऐतिहासिक(Historical) स्थान ही नहीं बल्कि कई खूबसूरत मंदिर भी हैं। इन प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिरों के कारण ग्वालियर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है।
इन मंदिरों का अपना एक अलग धार्मिक महत्व है। साथ ही उन्हें ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इन मंदिरों की वास्तुकला और जटिल नक्काशी (carving)देखते ही बनती है।
Gwalior Temple : ये सभी मंदिर अलग-अलग युगों में बने हैं, जिसके कारण जब आप इन मंदिरों के दर्शन(visiting temples) करेंगे तो आपको उस युग और सभ्यता के बारे में काफी जानकारी मिलेगी। इन मंदिरों के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि न केवल
स्थानीय लोग इनके दर्शन के लिए आते हैं, बल्कि देश (rather the country)के विभिन्न हिस्सों से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ग्वालियर के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बता रहे हैं-
Gwalior Temple : कोटेश्वर मंदिर
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और आपको प्राचीन इतिहास की झलक देता है। इस मंदिर के बाहर एक रंगीन मुखौटा है और अंदर आपको एक शिव लिंग मिलेगा। मंदिर में सोमवार और महाशिवरात्रि (mahashivratri)के दौरान भारी भीड़ देखी जाती है।
स्थानीय लोगों के लिए इस मंदिर(Temple) का विशेष महत्व है। जो कोई भी शिव भक्त है, उसे ग्वालियर आने के बाद कोटेश्वर मंदिर के दर्शन अवश्य करने चाहिए। आप भी इस मंदिर के दर्शन जरूर करें।
Gwalior Temple : सूर्य मंदिर
जब हम सूर्य मंदिर के बारे में सोचते हैं तो कोणार्क (Konark)का नाम आता है। लेकिन असल में ग्वालियर में एक सूर्य मंदिर भी है। यह सूर्य मंदिर 1980 के दशक में बनाया गया था और यह भगवान सूर्य को समर्पित है।
यह ग्वालियर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर आपको शांत वातावरण(Climate) में आध्यात्मिक घंटे बिताने का अवसर प्रदान करता है। जब आप यहां हों तो कुछ किलोमीटर दूर स्थित तानसेन और मोहम्मद घोष की कब्रों को भी देखें।
Gwalior Temple : चतुर्भुज मंदिर
ग्वालियर में स्थित चतुर्भुज मंदिर(Chaturbhuj Temple) भगवान विष्णु को समर्पित है, जिसका पौराणिक और गणितीय महत्व है। इस मंदिर के 875 ईस्वी में निर्मित होने का अनुमान है और यह ग्वालियर के सबसे अच्छे मंदिरों में से एक है।
ग्वालियर किले(Gwalior Fort) के परिसर के भीतर यह एकमात्र अखंड मंदिर है जहाँ आपको भगवान विष्णु की चार भुजाओं वाली मूर्ति मिलेगी। जो देखता है वही देखता है।
Gwalior Temple : तेली का मंदिर
तेली का मंदिर ग्वालियर के सबसे लोकप्रिय हिंदू(Popular Hindu) मंदिरों में से एक है। यह मंदिर विष्णु, शिव और मातृका को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इसे तेली समुदाय के सदस्यों द्वारा बनाया गया था जो 8वीं या 9वीं शताब्दी में इस क्षेत्र में रहते थे।
इस मंदिर की वास्तुकला इसे अद्वितीय बनाती है। यह मंदिर द्रविड़ शैली (Temple Dravidian Style)में बना है। यह मंदिर ‘म्यूजिकल हार्मोनिक्स’ का एक सुंदर उदाहरण है और अपनी तरह का सबसे अच्छा माना जाता है।
Gwalior Temple : शीतला माता मंदिर
शीतला माता मंदिर ग्वालियर के सबसे प्रमुख मंदिरों में गिना जाता है। इस मंदिर में हर दिन बड़ी संख्या में भक्त पूजा करने आते हैं। मंदिर एक बड़े परिसर में बना है और इसमें देवी शीतला(Goddess Sheetla) की मूर्ति है। मान्यता है कि यहां देवी गंभीर से गंभीर बीमारियों को दूर करती हैं। इसलिए, चिकन पॉक्स या टाइफाइड होने पर इस मंदिर में लाया जाता है।
