Kalamkari Stylish Saree : कलमकारी साड़ियों के देखे ये स्टाइलिश डिज़ाइन

Kalamkari Stylish Saree : कला की दृष्टि से भारत एक समृद्ध देश है, जहाँ विभिन्न लोक कलाओं (folk arts) के रंग बिखेरे (spread colors) हुए हैं। इन कलाओं में चित्रकला सर्वश्रेष्ठ है। यह पेंटिंग (Paintings) आमतौर पर दीवारों और कपड़ों पर देखी जाती है।आंध्र प्रदेश की लोक कथाओं पर आधारित कलमकारी साड़ी (kalamkari saree) के इतिहास के बारे में जानें।
चित्र कला के उदाहरण हैं जिनकी अमरता कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैली हुई है। तो चलिए आज दक्षिण की ओर चलते हैं और आंध्र प्रदेश राज्य की प्रसिद्ध कलमकारी पेंटिंग्स (Kalamkari Paintings) के बारे में बात करते हैं।
हालांकि इस उद्योग के प्रमुख केंद्र मछलीपट्टनम और कालाहस्ती शहर हैं, लेकिन फैशन के मामले में यह उद्योग दूर-दूर तक फैला हुआ है।
कलमकारी केवल कागजों और मंदिर की दीवारों पर बने चित्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब आप इसकी झलक डिजाइनर कपड़ों (designer clothing) में भी देख सकते हैं।
अधिकतम कलमकारी प्रिंट (kalamkari print) वाली साड़ी का चलन हम महिलाओं के बीच बहुत प्रसिद्ध है। तो आइए आज इस उद्योग के बारे में कुछ रोचक तथ्य साझा करते हैं।
Kalamkari Stylish Saree : ग्राफ्टिंग कला क्या है?
नाम से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कलमकारी कला कलम से की जाती है। लेकिन अब इसके ब्लॉक तैयार किए जाते हैं और फिर उनसे कपड़े पर प्रिंट्स उकेरे जाते हैं। लेकिन आज भी कुशल चित्रकार कलम का प्रयोग केवल डिजाइन (design) बनाने के लिए ही करते हैं।
जबकि मछलीपट्टनम के कलाकार ब्लॉक ( कलाकार ब्लॉक ) का उपयोग करते हैं, कालाहस्ती के चित्रकार अभी भी एक विशेष कलम से चित्र बनाते हैं, जो प्राकृतिक रंगीन स्याही का उपयोग करता है।
इस कलाकृति को बनाने में जिस पेन का इस्तेमाल किया गया है वह बेहद खास है। ये पेन बांस के टुकड़ों और ताड़ के पत्तों से बनाए जाते हैं।
इस पेंटिंग में इस्तेमाल होने वाले कपड़े को भैंस के दूध में कई दिनों तक भिगोया जाता है, जिससे पेंटिंग करना आसान हो जाता है।
इस पेंटिंग में इस्तेमाल होने वाले रंग भी अलग-अलग तरह से तैयार किए जाते हैं। कपड़े पर डाई लगाने के लिए कपड़े के कुछ हिस्सों को उबलते पानी में भिगोया जाता है और फिर उस हिस्से पर डाई लगाकर कपड़े पर लगाया जाता है।
Kalamkari Stylish Saree : कलमकारी का इतिहास
12वीं और 13वीं शताब्दी में कलाहस्ती के शिव मंदिरों में दीवार कला करने वाले कारीगर और कलाकार शहर में बस गए।
यह कला मंदिर की दीवारों से उतरकर कागज पर उतरी और फिर 15वीं सदी में लंबे कपड़े पर छवि बनाई गई।
बाद में इन पोशाकों को साड़ियों में तब्दील कर दिया गया और आज तक कलमकारी साड़ियों ने फैशन की दुनिया में अपनी जगह बनाई है।
Kalamkari Stylish Saree : कलमकारी कला डिजाइन
इस कला में महाभारत, रामायण के साथ-साथ शिव पुराण और अन्य आध्यात्मिक कला के चित्र शामिल हैं।
पहले यह कला केवल सूती साड़ियों पर कशीदाकारी की जाती थी लेकिन अब कलमकारी सिंथेटिक, रेशम और अन्य कपड़ों पर भी देखी जाती है।
Kalamkari Stylish Saree : कलमकारी साड़ी की कीमत
कलमकारी प्रिंटेड साड़ियां (kalamkari printed sarees) आपको बाजार में 700 रुपये से 5000 रुपये के बीच मिल सकती हैं।
इसमें आपको ढेर सारे प्रिंट और वेरिएशन देखने को मिलेंगे। आप इन्हें किसी भी अच्छी शॉपिंग साइट से ऑनलाइन (online from site) भी प्राप्त कर सकते हैं।