गणेश चतुर्थी का पर्व करीब आते ही देशभर में गणपति बप्पा की प्रतिमाओं की स्थापना और स्वागत की धूम मची हुई है। इस बीच नीमच जिले से निकला एक दृश्य लोगों के दिलों को छू रहा है और सोशल मीडिया पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल के रूप में वायरल हो गया है।
भाईचारे का नमूना बना नीमच का नज़ारा
स्थानीय लोगों ने देखा कि एक मुस्लिम बुजुर्ग अपने ठेले पर खूबसूरती से सजी-धजी गणेश प्रतिमा लेकर जा रहे थे। बारिश और धूप से बचाने के लिए उन्होंने भगवान गणेश की प्रतिमा के सिर पर अखबार का ढकाव किया हुआ था। यह सहज दृश्य देख राहगीरों की नज़र ठहर गई , यही भारत की असली पहचान है, जहां हर धर्म और समाज के लोग एक-दूसरे के त्योहारों और भावनाओं का सम्मान करते हैं।
गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक
ग्रामवासियों और स्थानीय संगठनों का कहना है कि यह दृश्य उस गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक है, जो भारत की असली ताक़त है। यहां अलग-अलग धर्मों के लोग न केवल साथ रहते हैं, बल्कि एक-दूसरे के त्योहारों की खुशियों में भी भागीदार बनते हैं।
मालवा-निमाड़ क्षेत्र में गणेशोत्सव का महत्व
मालवा-निमाड़ अंचल में गणेशोत्सव बेहद भव्य ढंग से मनाया जाता है। प्रतिवर्ष यहां गणेश झांकी, शोभायात्रा और विशाल पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। ऐसे माहौल में मुस्लिम समुदाय द्वारा गणेश प्रतिमा को ससम्मान ले जाना लोगों में आपसी सौहार्द्र और एकता का बेहतरीन संदेश दे रहा है।








