मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामलों की परतें रोज़ाना खुल रही हैं। ताज़ा घटना ने लोगों को चौंका दिया, क्योंकि लोकायुक्त टीम ने इस बार ‘भगवान’ को रिश्वत लेते हुए दबोच लिया। यह असली भगवान नहीं बल्कि आगर मालवा जिले की कंवराखेड़ी पंचायत का रोजगार सहायक भगवान सिंह सोंधिया है, जो उज्जैन के प्रसिद्ध शनि मंदिर परिसर में 11,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ाया।
योजनाओं की किस्त जारी कराने के बदले मांग रहा था घूस
सूत्रों के अनुसार, फरियादी राजेश दांगी ने लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके भाई को प्रधानमंत्री आवास योजना का घर स्वीकृत हुआ है। पहली किस्त की राशि 25,000 रुपये मिलने के बाद जब उन्होंने दूसरी किस्त के 40,000 रुपये प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू की, तो रोजगार सहायक ने उनसे 15,000 रुपये की घूस मांगी।
तैयार किया गया ट्रैप
लोकायुक्त टीम ने योजना बनाते हुए फरियादी को निर्देश दिया कि वह आरोपी को फोन करे। बातचीत में भगवान सिंह ने बताया कि वह शनिचरी अमावस्या पर उज्जैन स्नान और शनि मंदिर में पूजा करने आया है। इसी मौके पर लोकायुक्त ने उसे पकड़ने की योजना बनाई।
तय समय पर फरियादी मंदिर पहुँचा और वहां आरोपी को 11,000 रुपये थमाए। जैसे ही रकम उसके हाथ में पहुँची, लोकायुक्त टीम के अधिकारी सादे कपड़ों में सक्रिय हो गए।
रिश्वत की रकम लेने के बाद जब लोकायुक्त डीएसपी ने आरोपी से पूछा, “पैसे गिन लिए? बराबर हैं न?” तो उसने निश्चिंत होकर “हां” कह दिया। इसके तुरंत बाद टीम ने रोजगार सहायक को घेर लिया और उसे मौके पर ही हिरासत में ले लिया।
मंदिर परिसर में घूसखोरी पर जनता हैरान
इस गिरफ्तारी ने आम लोगों को स्तब्ध कर दिया। धार्मिक स्थल के बीच हुई इस कार्रवाई पर श्रद्धालु कह रहे हैं कि भ्रष्टाचारियों को अब पूजा-पाठ के बहाने भी नहीं छोड़ा जा सकता। वहीं लोकायुक्त विभाग का कहना है कि सरकारी योजनाओं की राशि गरीब हितग्राहियों तक बिना बाधा पहुंचे, इसके लिए लगातार निगरानी और कार्रवाई की जा रही है।








