छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक धार्मिक जुलूस के दौरान पुलिस अधिकारियों की भूमिका को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। शुक्रवार, 5 सितम्बर को ईद मिलादुन्नबी पर हजारों की भीड़ निकली, लेकिन इस दौरान पुलिस के दो अफसर न केवल जुलूस के बीच झंडे थामे नज़र आए, बल्कि धार्मिक नारे भी लगाते दिखे। इसका वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
वायरल वीडियो से बढ़ी चिंता
जुलूस मुख्य शहर क्षेत्र से होकर गुजर रहा था। डाकखाना चौराहे के पास सुरक्षा व्यवस्था देख रहे एसडीओपी नवीन दुबे और ट्रैफिक प्रभारी बृहस्पति साकेत अचानक घोड़े पर सवार होकर इस्लामिक झंडा उठाते नजर आए। पीछे से समुदाय द्वारा नारा-ए-तकबीर लगने पर दोनों अधिकारियों ने भी भीड़ के साथ स्वर मिलाया।
यह दृश्य जुलूस में शामिल लोगों के लिए अप्रत्याशित था, वहीं इसका वीडियो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पहुँचते ही स्थिति बदल गई। कई नागरिकों ने सवाल उठाया कि वर्दी पहने अधिकारी इस तरह धार्मिक स्वर में शामिल क्यों हुए।
पुलिस मुख्यालय में हलचल
घटना पर जब वरिष्ठ अधिकारियों की नजर पड़ी तो सख्त रुख अपनाया गया। सूत्रों के मुताबिक, डीआईजी ललित शाक्यवार ने संबंधित अधिकारियों को फौरन तलब किया और कड़ी नाराजगी जताई। वहीं एसपी अगम जैन ने पुष्टि की कि दोनों अफसरों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। उनका कहना है कि जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।
धार्मिक आयोजनों पर सुरक्षा का संतुलन
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे मामलों से पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। चूंकि त्योहारों और धार्मिक अवसरों पर प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी शांति बनाए रखने की होती है, ऐसे में सुरक्षा बलों का किसी भी धार्मिक गतिविधि से दृश्य रूप से जुड़ना संवेदनशील माना जाता है।
स्थानीय प्रतिक्रिया
शहर में यह वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां एक वर्ग इसे अधिकारियों का “मानवीय जुड़ाव” बता रहा है, वहीं दूसरा समुदाय इसे पुलिस की निष्पक्षता और आचार संहिता के खिलाफ मान रहा है।








