ग्वालियर के कटियाघाट क्षेत्र स्थित अनुसूचित जनजाति छात्रावास में छात्राओं ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। कई छात्राओं ने आरोप लगाया है कि हॉस्टल में नियुक्त स्वीपर उनकी नहाने की गोपनीयता भंग करता है। सबसे गंभीर बात यह रही कि छात्राएं भय और संकोच के चलते बोल नहीं पा रही थीं और उन्होंने छोटे-छोटे कागज़ों पर अपनी पीड़ा लिखकर अधिकारियों तक पहुँचाई।
पर्चियों से जगाई आवाज़
इस छात्रावास में रह रही छात्राओं ने अपनी शिकायतें मिलकर पर्चियों में दर्ज कीं। इन पर्चियों में लिखा था कि जब वे बाथरूम में होती हैं, तभी स्वीपर दरवाज़ों और दीवारों के झरोखों से उन्हें देखने की कोशिश करता है। यह घटना सुनकर अधिकारी और अधीक्षिका दोनों हैरान रह गए तथा तुरंत उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई।
बाल अधिकार आयोग सख्त, प्रशासन सक्रिय
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और जिला कलेक्टर को तुरंत एक्शन के निर्देश दिए हैं। इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम छात्रावास पहुँचकर मामले की तहकीकात कर रही है। जांच में छात्राओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और आरोपी स्वीपर को लेकर तथ्यों की पुष्टि की जा रही है।
अधीक्षिका की भूमिका पर भी संदेह
छात्राओं का यह भी कहना है कि अधीक्षिका उनकी दिक्कतों को अनसुना करती रही हैं। यही कारण है कि छात्राओं ने सीधे अधिकारियों तक अपनी बात पहुँचाने का रास्ता चुना। अब यह सवाल भी उठ रहा है कि अधीक्षिका की अनदेखी ने कहीं स्थिति को और गंभीर तो नहीं बना दिया।
छात्रावास की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न
यह पहली बार नहीं है जब इस छात्रावास की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए हों। कुछ महीने पहले भी यहां अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं, लेकिन उन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब इस घटना ने प्रशासन की जवाबदेही पर सीधा दबाव बना दिया है।








