मध्यप्रदेश के भाजपा विधायक ने ताजमहल को लेकर दिया ऐसा बयान जिसने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर तहलका मचा दिया है। विधायक ने ताजमहल को “तजोमहल” बताते हुए इसे भगवान शिव का प्राचीन मंदिर बताया है। उनका कहना है कि ताजमहल के भीतर एक जलधारा बहती है, जो भगवान शिव के अभिषेक की तरह कार्य करती है। उन्होंने दावा किया कि यदि ताजमहल की गहराई से जांच की जाए, तो यह साबित हो जाएगा कि यह वास्तव में एक शिवमंदिर है, और हमें इतिहास में इस विषय में गलत समझ या दुष्प्रचार किया गया है।
विधायक ने यह भी कहा कि कई पीढ़ियों से हमें एक पक्षीय और गलत इतिहास पढ़ाया गया है, और आज समय आ गया है कि असत्य तथ्यों को उजागर कर सही इतिहास को सामने लाया जाए। उनकी इस बात का मुख्य आधार ताजमहल में पाए जाने वाले जलधारा और उसके शिवलिंग से जुड़ी मान्यताएं हैं, जिन्हें वे शिवमंदिर के प्रमाणीकरण के तौर पर देख रहे हैं।
इस बयान के साथ, मध्यप्रदेश में राजनीतिक वातावरण भी गर्म हो गया है, जहां विपक्ष और इतिहासकार इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ विशेषज्ञ इसे ऐतिहासिक तथ्य की जांच के लिए एक चुनौती मान रहे हैं, जबकि कई इसे राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं।
ताजमहल, जिसका निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने बनवाया था, एक विश्व प्रसिद्द मुगल कालीन मकबरा है, जो प्रेम और कला का प्रतीक माना जाता है। इतिहासकारों की मानें तो ताजमहल को शाहजहां ने अपनी प्रेमिका मुमताज महल की याद में बनवाया था। परन्तु विधायक के इस विवादित बयान ने इसे एक धार्मिक धरोहर के रूप में देखने की नई संभावना को जन्म दिया है।
यह बहस न केवल मध्यप्रदेश में, बल्कि पूरे देश में इतिहास और संस्कृति के दृष्टिकोण से तीव्र बहस का विषय बन चुकी है। इस मामले की आगे की जांच और प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी हैं,








