ब्यूरो. पन्ना | पन्ना टाइगर रिजर्व की सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला का मंगलवार दोपहर निधन हो गया। वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि वह हिनौता हाथी कैम्प के पास एक गड्ढे में गिर गई थी और उठ नहीं सकी।
उसकी उम्र करीब 103 वर्ष थी। गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी। 1971 में उसे केरल से होशंगाबाद लाया गया था। तब उसकी उम्र 50 साल थी। 1993 में पन्ना लाने के बाद वह रिजर्व की पहचान बन गई।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के ही एक नर हाथी रामबहादुर ने 2003 व 2008 में उस पर प्राणघातक हमला किया था। इससे वत्सला का पेट फट गया था। आंतें बाहर आ गई थीं। उसे नौ महीने तक लगातार इलाज दिया गया, जिसके बाद वह ठीक हुई।
पन्ना टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर श्रीमती अर्चना सुचिता तिर्की ने कहा कि वत्सला की मौत से पूरा टाइगर रिजर्व अमला आहत है। उन्होंने बताया कि वत्सला की उम्र 100 वर्ष से अधिक मानी गई थी, लेकिन चूंकि उसे केरल के जंगल से पकड़ा गया था और जन्म प्रमाण मौजूद नहीं था, इसलिए गिनीज बुक में नाम दर्ज नहीं हो सका।








