जिला अदालत ने सिविल लाइन थाना पुलिस को मेयर के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. मुरैना महापौर शारदा सोलंकी की 10वीं की मार्कशीट फर्जी निकली है।उधर, मेयर शारदा सोलंकी और उनके वकील संजय मिश्रा ने कहा है कि उन्हें ऐसे किसी फैसले की जानकारी नहीं है. नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहीं मीना मुकेश जाटव ने मेयर शारदा सोलंकी की मार्कशीट और उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ता कोर्ट में यह साबित नहीं कर पाए कि महापौर शारदा सोलंकी उत्तर प्रदेश की निवासी हैं और उनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। इसलिए कोर्ट ने 9 मई 2024 को जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ याचिका खारिज कर दी, लेकिन मेयर 10वीं की अंकसूची के मामले में फंस गए हैं. बता दें कि कांग्रेस से मेयर का चुनाव जीतने वाली शारदा सोलंकी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी BJP में शामिल हो गई हैं.
महापौर शारदा सोलंकी ने साल 1986 में पिनाहट के सर्वाेदय विद्या मंदिर स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास होना बताया, उनका रोल नंबर 1009025 है। पिनाहट के इस स्कूल से पूरा रिकार्ड मांगा तो स्कूल प्रबंधन ने बताया है, कि उनके स्कूल में साल 1986 में शारदा पुत्री वासुदेव का दाखिला ही नहीं हुआ है। मार्कशीट पर रोल नंबर 1009025 नरोत्तम पुत्र भनजीत नामक छात्र का है। इसके बाद याचिकाकर्ता मीना मुकेश जाटव ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद माध्यमिक बोर्ड से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी।
जिस स्कूल से मेयर की अंकसूची तैयार की गई थी, उसने भी इस अंकसूची को गलत बताया है। उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने उक्त रोल नंबर की अंकसूची नरोत्तम नामक युवक को भी दे दी, जो सभी विषयों में फेल है। इस मार्कशीट का उपयोग मेयर के नामांकन में किया गया है. कोर्ट ने सिविल लाइन थाना पुलिस को शारदा सोलंकी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है.