Mehndi design : मेहंदी क्यों लगाई जाती सावन में, क्या महत्व है, जानिए इसके पीछे का कारण

Mehndi design : मेहंदी को लेकर मान्यता है कि मेहंदी लगाने से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है। वहीं मेहंदी को लेकर एक और मान्यता ( Recognition ) है कि हाथों पर जितनी गहरी मेहंदी ( Mehndi ) रचाई जाती है, उसे अपने पति का उतना ही प्यार मिलता है।
करवा चौथ जैसे कुछ तीज त्योहारों पर तीज पर मेंहदी लगाने का बहुत महत्व होता है। वहीं फैशन के लिए भी मेहंदी लगाई जाती है। अगर मेहंदी ( Mehndi ) की बात करें तो शादी से लेकर शादी ( wedding ) , तीज का त्योहार इसके बिना अधूरा है.
सावन का महीना शुरू होने वाला है और सबसे पहले जो बात दिमाग में आती है वह है मेहंदी। मेहंदी के बिना सावन अधूरा ( incomplete ) है। सावन के दिन मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है और इसलिए इस महीने में महिलाओं को मेहंदी जरूर लगानी चाहिए।
Mehndi design : सावन में मेहंदी लगाने की परंपरा है और मेहंदी का अपना ही महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में मेहंदी का क्या महत्व ( Importance ) है और इसे क्यों लगाया जाता है? जानिए शाबान में मेहंदी लगाने से दूर होने वाले रोग। शाबान के महीने में ये चीजें शिवलिंग पर चढ़ानी हैं।
Mehndi design : मेहंदी शरीर को ठंडा रखती है
मान्यता है कि सावन के महीने ( month ) में भारी बारिश होती है। जिससे तरह-तरह की बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में इन बीमारियों से निजात ( get rid of ) पाने के लिए मेहंदी का इस्तेमाल किया जाता है। मेहंदी का इस्तेमाल शरीर की गर्मी को दूर करने के लिए किया जाता है।
माना जाता है कि हरा रंग कई बीमारियों ( diseases ) से बचाने में कारगर होता है। मेहंदी की महक शरीर को ठंडक पहुंचाकर तनाव को कम करने का काम करती है। इसीलिए लॉन में मेंहदी लगाने का चलन है। हंस समाप्त ( End ) होने से पहले कर लें ये 3 काम।
Mehndi design : मेहंदी दर्द से राहत दिलाती है
Mehndi design : ऐसा माना जाता है कि मेहंदी में कूलिंग इफेक्ट ( effect ) होता है और इसलिए इसे लगाने से शरीर को ठंडक मिलती है। शरीर की गर्मी को दूर करने के लिए पैरों के तलवों ( soles ) में मेहंदी भी लगाई जाती है।
मेहंदी न सिर्फ हाथों की खूबसूरती ( the beauty ) बढ़ाती है बल्कि तनाव और सिरदर्द से भी निजात दिलाती है। साथ ही, त्वचा संबंधी रोग होने पर भी मेंहदी लगाने की सलाह दी जाती है। भोलेनाथ का वरदान पाने के लिए करें यह पाठ।
