कुदरत का कारनामा, दृष्टि बाधित वेर सिंह ने खोद डाला कुआ

खुदी को कर बुलंद इतना की खुदा बंदे से खुद पूछे कि बता तेरी रजा क्या है ” दृष्टि बाधित वेर सिंह की दशरथ मांझी जितनी बड़ी उपलब्धि तो नहीं हे लेकिन इनके मजबूत इरादे को चट्टाने भी नहीं रोक पाई ओर रेव सिंह ने धरती का सीना चीरते हुए 40 फीट गहरा कुआं खेत में सिंचाई के लिए खोद दिया।
बड़वानी जिले के पाटी ब्लॉक में रहने वाले एक दृष्टि बाधित व्यक्ति ने अजीबो गरीब कारनामा कर दिखाया जो देश के लिए एक मिशाल बन गया है व्यक्ति की कहानी जो एक छोटी सी टूटी फूटी झोपड़ी में रहकर अपना गुजर बसर कर रहा है जब खेती के लिए पानी की जरूरत पड़ी तो 75% दृष्टि बाधित वेर सिंह ने कुआं खोदने का मन बनाया यूं तो एक कुएं को खोदने के लिए लगभग चार से पांच व्यक्ति लगते हैं लेकिन अपने दृढ़ निश्चायी से वेर सिंह ने 2 साल की कड़ी मेहनत से 40 फीट गहरा कुआं खोद दिया वेर सिंह डॉक्टर के सर्टिफिकेट के हिसाब से 75% दृष्टि बाधित है रेव सिंह को बहुत ना के बराबर व्यक्ति को नजर आता है,
लेकिन ऐसे में उसने अपने लिए मकान भी बनाया और एक कुआं भी खोदा जिससे खेती की सिंचाई के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं ग्रामीणों का कहना है कि वेर सिंह जो ठान लेता है वह करके दिखाता है दोनों आंखों से नहीं दिखने के बावजूद खुद अकेले रहकर अपना खाना पकाता है और गुजर बसर करता है दूसरों के खेतों में भी काम करता है पास ही बहने वाले नालों और खेतों से पत्थर उठा उठा कर एक छोटी सी झोपड़ी बनाई अब इस झोपड़ी के किनारे पीने के लिए एक ओर पानी का कुआं खोदना शुरू कर दिया है वेर सिंह का कहना है कि मुझे अपने घर से दूर पानी लेने जाना पड़ता है.
इसलिए मैं अब घर के पास ही कुआं बना रहा हूं सरकारी योजना के नाम से विकलांगता की योजना के तहत ₹600 प्रति माह और 5 किलो राशन मिल रहा है इसके अलावा कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है ना तो प्रधानमंत्री आवास मिल रहा है ना ही कपिलधारा के तहत उसे कुआं निर्माण के लिए सरकारी योजना का लाभ मिला है वेर सिंह ने कहा कि कई बार सरपंच सचिवों को अवगत भी कराया है लेकिन मुझे किसी भी योजना का लाभ नहीं दे पा रहे हैं