कफ सिरप में प्लास्टिक-पेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाला प्रोपिलीन ग्लाइकॉल, 16 मौतों की पुष्टि

By: शुलेखा साहू

On: Monday, October 6, 2025 7:51 AM

कफ सिरप में प्लास्टिक-पेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाला प्रोपिलीन ग्लाइकॉल, 16 मौतों की पुष्टि
Google News
Follow Us

मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से जान गंवाने वाले बच्चों का आंकड़ा 16 हो गया है। रविवार को चार और बच्चों की मौत का खुलासा हुआ है। छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने 16 मौतों की पुष्टि की है। इनमें से 10 मौतें परासिया, 3 मौतों छिंदवाड़ा शहर, एक मौत चौरई और दो मीतें बैतूल में अलग-अलग दिनों में हुई।

बैतूल के जिन दो बच्चों कबीर (4) निवासी कलमेश्वर और गर्मित (25) की जान गईं, उनका इलाज छिंदवाड़ा के परासिया में डॉ. प्रवीण सोनी ने किया था। दोनों को कोल्ड्रिफ सिरप दी गई थी। दोनों को मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो गया बाद में दोनों को रेफर कर दिया गया।
कबीर की मौत 8 सितंबर को भोपाल में हुई थी, जबकि गर्मित की 1 अक्टूबर को उसके गांव में

छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के मामले की जांच अब कई परतें खोल रही है। तमिलनाडु सरकार की जांच में साफ हो गया है कि कफ सिरप में इस्तेमाल किया गया प्रोपिलीन ग्लाइकॉल फामां ग्रेड का नहीं था। यानी वह इंडस्ट्रियल ग्रेड का था- जो दवा निर्माण में प्रतिबंधित है।

इंडस्ट्रियल ग्रेड प्रोपिलीन ग्लाइकॉल सस्ता तो पड़ता है, लेकिन इसमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (इंजी) जैसे जहरीले रासायनिक तत्व मिल जाते हैं। यही तत्व शरीर में पहुंचने पर किडनी, लीवर और नवस सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं। बच्चों के मामले में ये असर जानलेवा हो सकता है।

जिस सिरप से बच्चों की मौत हुई, उसमें 48% से अधिक डीईजी मिला था। आमतौर पर गैर फार्मा प्रोपिलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन, प्लास्टिक, पेंट, गैर विषाक्त एंटी-फ्रीज में होता है। कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली फर्म ‘श्रीसन फार्मास्यूटिकल ने इसे चोरी छिपे चेन्नई स्थित पार्क टाउन की सनराइज बायोटैक से खरीदा था।

तमिलनाडु सरकार की 44 पेज की जांच रिपोर्ट ‘भास्कर’ के पास मौजूद है। इसमें बताया गया है कि कंपनी के पास प्रोपिलीन ग्लाइकॉल की खरीदी का बैच नंबर नहीं था। कंपनी ने इस बात का परीक्षण तक नहीं किया कि प्रोपिलीन ग्लाइकॉल में में डीईजी/ईजी उपस्थित है या नहीं।

फर्म चोरी-छिपे खरीदा था केमिकल

• तमिलनाडु सरकार की जांच में सामने आया कि दो अलग- अलग तारीखों में 50-50 किलो प्रोपिलीन ग्लाइकॉल बिना खरीद चालान के लिया गया। भुगतान भी नकद और गूगल पे से किया गया। बिना चालान खरीदी अवैध श्रेणी में आती है।

• दवा बनाने के नियमों का पालन नहीं किया गया। जांच में 39 गंभीर और 325 बड़ी गड़बड़ियां पाई गई।

• फैक्ट्री में जरूरत से ज्यादा कच्चा माल रखा गया था। सफाई भी नहीं थी। कंपनी ने दवा बनाने के जरूरी नियमों का पालन नहीं किया।

• डीईजी जैसे तत्वों की जांच के लिए कोई प्रक्रिया तय नहीं

अब तक 16 बच्चों की मौत; इन्हें सिरप लिखने वाला सरकारी डॉक्टर गिरफ्तार

 डॉ. सोनी ने जिन बच्चों को यह दवा लिखी थी, उनमें से कम से 10 से 12 बच्चों की जान गई है। डॉ. सोनी हैं तो सरकारी डॉक्टर लेकिन क्लीनिक भी चलाते हैं। परासिया में सोनी के भतीजे राजेश सोनी के मेडिकल स्टोर से इस सिरप की 300 से अधिक बोतलें सप्लाई हुई हैं।

शनिवार देर रात को सोनी और सिरप बनाने वाली तमिलनाडु की कंपनी श्रेसन फार्मास्युटिकल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। रविवार को सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया। सोनी को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान डॉ. सोनी को क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर अटैच किया गया है।

कफ सिरप में प्लास्टिक-पेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाला प्रोपिलीन ग्लाइकॉल, 16 मौतों की पुष्टि
कफ सिरप में प्लास्टिक-पेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाला प्रोपिलीन ग्लाइकॉल, 16 मौतों की पुष्टि

शुलेखा साहू

मैं एक स्वतंत्र लेखक और पत्रकार हूँ, जो समाज, राजनीति, शिक्षा और तकनीक से जुड़े मुद्दों पर गहराई से लिखती हूँ। आसान भाषा में जटिल विषयों को पाठकों तक पहुँचाना Hurdang News के मंच से मेरा प्रयास है कि पाठकों तक निष्पक्ष, स्पष्ट और प्रभावशाली जानकारी पहुँच सके।
For Feedback - editor@hurdangnews.in

Join WhatsApp

Join Now

Facebook

Subscribe Now

Leave a Comment