विवादों में सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, मामला जंगल में जिप्सी से घूमने का

सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी एक जिप्सी को लेकर विवादों में है। हाल ही में इस जिप्सी को चलाते हुए कलेक्टर जंगल सफारी पर निकले थे, इसके बाद विवाद खड़ा हो गया। बुधवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन को वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने एक शिकायत की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उमरिया जिला अस्पताल की विवादास्पद जिप्सी से स्वरोचिष सोमवंशी जंगल सफारी कर रहे हैं।
दरअसल यह जिप्सी (MPS4ZA3935) गुजरात के किसी एक व्यक्ति ने उमरिया जिला अस्पताल को दान दी थी। बाद में यह उमेश यादव के नाम हो गई ट्रांसफर हो गई। लेकिन जिला अस्पताल में ट्रांसफर संबंधी रिकार्ड नही है। अब इस जिप्सी से कलेक्टर सीधी संजय टाईगर रिजर्व में जंगल सफारी करते पाये गये।
कलेक्टर की एनटीसीए सहित कई जगह शिकायत हुई। बुधवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन को वाइल्ड लाईफ एक्टीविस्ट अजय दुबे ने शिकायत की है। जिसमें गंभीर आरोप लगाये हैं। शिकायत में लिखा कि पर्यटकों ने कलेक्टर के विधि विरुद्ध सफारी का वीडियो बनाया है। कलेक्टर के अवैध जंगल सफारी को लेकर अजय ने एनटीसीए और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) को भी की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कलेक्टर समय-समय पर परिचित लोगों के साथ वन अफसरों पर दवाब बनाकर प्रतिबंधित क्षेत्र और निर्धारित समय सीमा का उल्लंघन कर सफारी करते है। पर्यटकों द्वारा बनाए गए वीडियो में दिखाई दे रही जिप्सी उमरिया जिला अस्पताल को दान में मिली थी, जिसे तत्कालीन उमरिया कलेक्टर अनाधिकृत रूप से जब वे सीधी ट्रांसफर हुए जिप्सी अपने साथ लेकर चले गये। बताया जा रहा है कि तत्कालीन उमरिया कलेक्टर ने इस जिप्सी को रिपेयर करवाया था। बाद में यह जिप्सी उमरिया अस्पताल से सीधी कलेक्टर के पास पहुंच गई।
वाहनों का हो सकता है दुरूपयोग
शिकायत में आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ता को जानकारी मिली है कि जिप्सी के अलावा जिला अस्पताल उमरिया में पिछले कई वर्षों से कई वाहन गायब है और उनका रिकॉर्ड भी गायब है। उन्होंने मुख्य सचिव को लिखा कि यह जिम्मेदार सरकारी सेवकों के दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही का मामला है। जिला अस्ताल से गायब वाहनों का दुरुपयोग आतंकी गतिविधियों में भी हो सकता है, जो राष्ट्र के लिए खतरा है। उमरिया जिला अस्पताल में कई वर्षों से पदस्थ कर्मचारी कौशल साकेत वाहन प्रबंधन देखते है और संभावना है कि वह इन गड़बड़ियों में सालों से लिप्त हैं।
