SINGRAULI : बोरबेल में गिरी मासूम सौम्या, 06 घंटो तक चला रेस्क्यू
सिंगरौली SINGRAULI जिले के बरगावा थाना के खैरीडाड में एक मासूम 3 वर्ष की सौम्या एक खुले बोरवेल में गिर गई, हालांकि 6 घंटे रेस्क्यू के बाद सौम्या को बोरवेल से निकाल लिया गया लेकिन जब उसे इलाज के लिए जिला चिकित्सालय ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों की टीम ने सौम्या को मृत घोषित कर दिया.
आखिरकार एक छोटी सी लापरवाही ने मासूम 3 वर्षीय सौम्या की जान ले ली। आपको बता दे की सौम्या का 29 जुलाई को ही जन्मदिन भी था लिहाजा जिस दिन सौम्या का जन्मदिन था उसी दिन एक छोटी सी लापरवाही ने उससे उसकी जिंदगी छीन ली।
आपको बता दे कि घटना करीब दोपहर 3:00 बजे की है जब सौम्या अपने घर के सामने ही खेल रही थी। इस दौरान उसके खेतों में अचानक कुछ बकरियां घुस आई । जिसे मासूम सौम्या बकरियों को भगाने के लिए उनके पीछे दौड़ लगा दी ।
हालांकि जैसे ही सौम्या उस बोरवेल के गड्ढे के पास पहुंची अचानक वह अनियंत्रित होकर बोरवेल के अंदर घुस गई, हालांकि उसके परिजन जब बोरवेल के अंदर बच्ची को गिरते देखा तो हल्ला गुहार किया एवं पहले अपने हिसाब से घंटो मशक्कत करके सौम्या को बचाने का प्रयास किया,
बावजूद जब सौम्या को बचाया नहीं जा सका तो पिता राम प्रकाश साहू ने इसकी सूचना स्थानी पुलिस को दी पुलिस को जैसे ही बच्ची के बोरवेल में गिरने की जानकारी मिली तुरंत ही रेस्क्यू टीम लाकर बच्ची को हर संभव बचाने का प्रयास किया।
पहले शुरुआती 3 घंटे में चार जेसीबी के माध्यम से बोरवेल के समानांतर गहरा गड्ढा खोदने का प्रयास किया गया, जब जेसीबी असफल हो गई तो एक हैवी पोकलेन को बुलाया गया जहां पर महज 3 घंटे बीतने के बाद ही लगभग 25 फीट का बोरवेल के समानांतर एक गड्ढा खोदा लिया गया।
इसके बाद रेस्क्यू टीम ने बोरवेल से मासूम सौम्या को निकाला और इलाज के लिए SINGRAULI जिला चिकित्सालय बैढ़न भेज दिया, जहां डॉक्टरों की टीम ने तीन वर्षीय मासूम सौम्या को मृत घोषित कर दिया।
घर के परिजनों ने बताया कि यह बोरवेल बीते 8 सालों से बंद था, 8 साल पहले जब बोरवेल की खुदाई हुई तो उस दौरान इस बोरवेल से पानी नहीं निकला, इसके बाद बोरवेल को बाकायदा मिट्टी से भर दिया गया और उस इलाके में खेती भी हो रही थी,
लेकिन इस वर्ष की तेज बारिश में बोरवेल की मिट्टी बैठ गई इसके बाद अचानक सौम्या दौड़ते दौड़ते इस गड्ढे में गिर गई और यही बोरवेल उसके मौत का कारण बन गया। जैसे ही जानकारी जिला प्रशासन लगी तो कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता सहित विधायक पहुंचे और मासूम सौम्या को हर संभव बचाने का प्रयास किया,
लेकिन 6 घंटे के हुए इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी सौम्या को नहीं बचाजा सका तो वही जैसे ही इसकी जानकारी परिजनों को लगी उन परिजनों का भी रो-रो कर बुरा हाल है।