दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट CA को गिरफ्तार किया गया है। उस पर चीनी गिरोह के साथ मिलकर साइबर ठगी करने का आरोप है।
उसने 35-40 फर्जी कंपनियां बनाकर 750 करोड़ रुपये से ज्यादा का संदिग्ध लेन-देन किया। इनमें से कई कंपनियों के सह-निदेशक चीनी नागरिक हैं।
उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से एक बड़े साइबर ठगी के मास्टरमाइंड अभिषेक अग्रवाल CA को लुकआउट सर्कुलर के तहत गिरफ्तार किया है।
पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट CA अभिषेक अग्रवाल ने 35-40 फर्जी कंपनियां बनाकर 750 करोड़ रुपये से ज्यादा का संदिग्ध लेन-देन किया।
इनमें से 13 कंपनियां उसके नाम और 28 उसकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। इनमें से कई कंपनियों के सह-निदेशक चीनी नागरिक हैं।
एसटीफ के एसएसपी नवनीत सिंह ने बताया कि Hector Lendkaro Pvt. Ltd के जरिए Inst Loan, Maxi Loan, KK Cash, RupeeGo, Lendkar जैसे 15 से अधिक फर्जी लोन ऐप्स संचालित किए। इन ऐप्स के माध्यम से पीड़ितों को कम दस्तावेजों में ऑनलाइन लोन का लालच देकर उनके मोबाइल का डेटा, जैसे गैलरी, कॉन्टैक्ट्स और निजी जानकारी चुराई गई।
पीड़ितों की फोटो एडिट कर वायरल करने की धमकी देकर उनसे करोड़ों रुपये अवैध रूप से वसूले जाते थे।

चीनी नागरिकों से मिलीभगत
शुरुआती पूछताछ में CA अभिषेक ने खुलासा किया कि वह चीनी नागरिकों के एक संगठित गिरोह के संपर्क में था। उसने चीनी मास्टरमाइंड के लिए फर्जी कंपनियां बनाईं, जिनके बैंक खातों से धोखाधड़ी की रकम चीनी खातों में ट्रांसफर की जाती थी।
750 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन
एसटीएफ की जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। CA अभिषेक ने अपने और अपनी पत्नी के नाम पर कुल 41 फर्जी कंपनियां बनाई थीं। इनमें से 13 कंपनियां उसके नाम पर और 28 उसकी पत्नी के नाम पर हैं। इन कंपनियों के जरिए 750 करोड़ रुपये से ज्यादा की संदिग्ध रकम का लेन-देन किया गया।
लोगों को बनाया शिकार
यह पूरा गिरोह देशभर में Inst Loan, KK Cash, Lendkar, RupeeGo समेत 15 से ज्यादा फर्जी लोन एप्स के जरिए सक्रिय था. ये एप्स कम दस्तावेजों में फटाफट लोन देने का झांसा देते थे. लेकिन जैसे ही लोग एप इंस्टॉल करते, उनका मोबाइल फोन गिरोह की पकड़ में आ जाता. उनकी गैलरी, कॉन्टैक्ट्स और निजी जानकारी तक पहुंच बनाई जाती. इसके बाद धमकी और ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता. फोटो-वीडियो एडिट कर वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम वसूली जाती थी.
इस मामले से जुड़े एक और मास्टरमाइंड अंकुर ढींगरा को पहले गुड़गांव से गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा एसटीएफ की टीम ने औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारकर तकनीकी साक्ष्य भी बरामद किए हैं।
चीन के इन मास्टरमाइंड्स के नाम भी सामने आए
अभिषेक अग्रवाल की पूछताछ में जिन चीनी नागरिकों के नाम सामने आए हैं, वे हैं:
1. डिफान वांग (Scott Wang)
2. झेनबो ही (Leo)
3. मियाओ झांग (Cicero)
4. योंगगुआंग कुआंग (Bolt)
5. वेनशुए ली (Force)
इन सभी की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है. भारत सरकार और इंटरपोल से संपर्क कर इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है.

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दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट CA को गिरफ्तार किया गया है। उस पर चीनी गिरोह के साथ मिलकर साइबर ठगी करने का आरोप है।
उसने 35-40 फर्जी कंपनियां बनाकर 750 करोड़ रुपये से ज्यादा का संदिग्ध लेन-देन किया। इनमें से कई कंपनियों के सह-निदेशक चीनी नागरिक हैं।
उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से एक बड़े साइबर ठगी के मास्टरमाइंड अभिषेक अग्रवाल CA को लुकआउट सर्कुलर के तहत गिरफ्तार किया है।
पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट CA अभिषेक अग्रवाल ने 35-40 फर्जी कंपनियां बनाकर 750 करोड़ रुपये से ज्यादा का संदिग्ध लेन-देन किया।
इनमें से 13 कंपनियां उसके नाम और 28 उसकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। इनमें से कई कंपनियों के सह-निदेशक चीनी नागरिक हैं।
एसटीफ के एसएसपी नवनीत सिंह ने बताया कि Hector Lendkaro Pvt. Ltd के जरिए Inst Loan, Maxi Loan, KK Cash, RupeeGo, Lendkar जैसे 15 से अधिक फर्जी लोन ऐप्स संचालित किए। इन ऐप्स के माध्यम से पीड़ितों को कम दस्तावेजों में ऑनलाइन लोन का लालच देकर उनके मोबाइल का डेटा, जैसे गैलरी, कॉन्टैक्ट्स और निजी जानकारी चुराई गई।
पीड़ितों की फोटो एडिट कर वायरल करने की धमकी देकर उनसे करोड़ों रुपये अवैध रूप से वसूले जाते थे।
चीनी नागरिकों से मिलीभगत
शुरुआती पूछताछ में CA अभिषेक ने खुलासा किया कि वह चीनी नागरिकों के एक संगठित गिरोह के संपर्क में था। उसने चीनी मास्टरमाइंड के लिए फर्जी कंपनियां बनाईं, जिनके बैंक खातों से धोखाधड़ी की रकम चीनी खातों में ट्रांसफर की जाती थी।
750 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन
एसटीएफ की जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। CA अभिषेक ने अपने और अपनी पत्नी के नाम पर कुल 41 फर्जी कंपनियां बनाई थीं। इनमें से 13 कंपनियां उसके नाम पर और 28 उसकी पत्नी के नाम पर हैं। इन कंपनियों के जरिए 750 करोड़ रुपये से ज्यादा की संदिग्ध रकम का लेन-देन किया गया।
लोगों को बनाया शिकार
यह पूरा गिरोह देशभर में Inst Loan, KK Cash, Lendkar, RupeeGo समेत 15 से ज्यादा फर्जी लोन एप्स के जरिए सक्रिय था. ये एप्स कम दस्तावेजों में फटाफट लोन देने का झांसा देते थे. लेकिन जैसे ही लोग एप इंस्टॉल करते, उनका मोबाइल फोन गिरोह की पकड़ में आ जाता. उनकी गैलरी, कॉन्टैक्ट्स और निजी जानकारी तक पहुंच बनाई जाती. इसके बाद धमकी और ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता. फोटो-वीडियो एडिट कर वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम वसूली जाती थी.
इस मामले से जुड़े एक और मास्टरमाइंड अंकुर ढींगरा को पहले गुड़गांव से गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा एसटीएफ की टीम ने औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारकर तकनीकी साक्ष्य भी बरामद किए हैं।
चीन के इन मास्टरमाइंड्स के नाम भी सामने आए
अभिषेक अग्रवाल की पूछताछ में जिन चीनी नागरिकों के नाम सामने आए हैं, वे हैं:
1. डिफान वांग (Scott Wang)
2. झेनबो ही (Leo)
3. मियाओ झांग (Cicero)
4. योंगगुआंग कुआंग (Bolt)
5. वेनशुए ली (Force)
इन सभी की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है. भारत सरकार और इंटरपोल से संपर्क कर इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है.








