कांग्रेस द्वारा बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एआई जनरेटेड वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किए जाने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। वीडियो में प्रधानमंत्री को चाय बेचते हुए दिखाया गया है, जिससे पुराने चुनावी ‘चायवाला’ नैरेटिव की याद ताजा हो गई।
वीडियो में नरेंद्र मोदी को हाथ में केतली और गिलास लिए हुए दिखाया गया है, जबकि पीछे अंतरराष्ट्रीय झंडों की पंक्ति नजर आती है। क्लिप के साउंडट्रैक में उनकी आवाज जैसी डब की गई आवाज सुनाई देती है, जिसमें वे पुकारते हैं— “चाय‑चाय चाहिए!” कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. रागिनी नायक ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए व्यंग्यात्मक कैप्शन लिखा, “अब ई कौन किया बे!”
भाजपा ने बताया ‘ओबीसी समुदाय का अपमान’
वीडियो के सामने आते ही भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने जवाब में लिखा कि “नामदार कांग्रेस एक ओबीसी वर्ग से आने वाले कामदार प्रधानमंत्री के खिलाफ लगातार अपमानजनक हरकतें कर रही है।” उन्होंने चेतावनी दी कि जनता इस ‘घृणित राजनीतिक ट्रोलिंग’ को माफ नहीं करेगी।
एआई जनरेटेड राजनीतिक कंटेंट को लेकर बढ़ी चिंता
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री से जुड़ा एआई वीडियो सामने आया है। सितंबर में बिहार कांग्रेस ने मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन पर आधारित एक एआई वीडियो जारी किया था, जिसमें काल्पनिक संवाद के जरिये राजनीतिक व्यंग्य किया गया था।
विशेषज्ञों के अनुसार, राजनीतिक पार्टियों द्वारा एआई टूल्स के इस्तेमाल से “डीपफेक और गलत सूचना” का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। चुनावी सालों में ऐसे वीडियो मतदाताओं को भ्रमित कर सकते हैं, जिससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की जवाबदेही का प्रश्न फिर खड़ा हो रहा है।
‘डिजिटल व्यंग्य’ बनाम ‘अभद्र राजनीति’ की बहस
राजनीतिक विश्लेषक इसे भारत में डिजिटल व्यंग्य की नई लहर मान रहे हैं, जबकि आलोचकों के मुताबिक यह जनप्रतिनिधियों की गरिमा पर हमला है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि सोशल मीडिया पर “रचनात्मक पलटवार” की नीति के तहत ऐसे व्यंग्य वीडियो बनाए जा रहे हैं, पर विपक्ष इसे मर्यादा भंग करने वाली राजनीति बता रहा है।
भाजपा समर्थक संगठनों ने चुनाव आयोग और आईटी मंत्रालय से इस एआई वीडियो की जांच और कार्रवाई की मांग की है। वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वीडियो एक “सटायर” है, जो केवल व्यंग्य के रूप में साझा किया गया।







