इटावा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मां की गत दिनों देर रात तबीयत बिगडने के बाद जिला चिकित्सालय की आपात सेवा में तैनात चिकित्सक को पुलिस द्वारा जबरन ले जाने पर विरोध दर्ज कराते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने ओपीडी की सेवाएं दो घंटे तक बंद रखीं।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि एसएसपी ने मामले में दो सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है। सूत्रों के अनुसार 17 सितंबर की देर रात पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड के एक डॉक्टर और एक कंपाउंडर को एसएसपी की मां का इलाज करने के लिए मजबूर किया।
यह स्थिति तब सामने आई जब बुधवार रात एसएसपी की मां की तबीयत खराब हो गई। कथित तौर पर एसएसपी ने सिविल लाइन पुलिस को एक डॉक्टर, खासकर एक निजी चिकित्सक को उनके आवास पर लाने का निर्देश दिया था।
एसआई ने मेरा अपमान किया
डॉ. बाबू ने कहाकि उपनिरीक्षक ने मेरा अपमान किया, मेरा मोबाइल फोन छीन लिया और मुझे जबरदस्ती अपने साथ ले गए। उन्होंने बताया कि एसएसपी के निर्देश पर पुलिस बाद में माफी मांगने लौटी। अगले दिन, फार्मासिस्ट संघ के समर्थन से डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार को अस्पताल की ओपीडी बंद करके इस घटना का विरोध किया।
इस कार्रवाई से मरीजों और उनके परिजनों को असुविधा हुई। एसएसपी ने बताया कि मेरे संज्ञान में आने पर मामले में दो सिपाहियों अनिरुद्ध साहू और हितेश वर्मा को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।








