विधायक निधि ( MLA )में भ्रष्टाचार पर पहली बार अब तक का सबसे बड़ा खुलासा कर रहा है। इसमें विकास कार्यों की अनुशंसा करने के नाम पर माननीय ( MLA ) 40% कमीशन ले रहे हैं। इसे उजागर करने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने डमी फर्म का प्रोपराइटर बनकर राजस्थान के तीन विधायकों ( MLA ) से संपर्क किया। उन्हें बताया कि ये फर्म खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से संबद्ध है और विधायक निधि से स्कूलों में दरी फर्श (कारपेट) सप्लाई करती है। बिना कीमत और जरूरत जाने विधायक ( MLA ) अनुशंसा के लिए तैयार हो गए। उनका एक ही सवाल था- हमें कितना प्रतिशत मिलेगा ?
खींवसर से भाजपा विधायक ( MLA ) रेवंतराम डांगा, हिंडौन से कांग्रेस की अनीता जाटव और बयाना से निर्दलीय ऋतु बनावत ( MLA ) से डील की तो डांगा बोले- 40% दो, 50 लाख रुपए का काम दूंगा। अनीता ( MLA ) ने 50 हजार रुपए लिए और 80 लाख का लेटर दे दिया। निर्दलीय विधायक ( MLA ) ऋतु बनावत के पति ने 40 लाख की डील फाइनल कर दी। बता दें कि राजस्थान में हर विधायक को विधानसभा सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत सालाना 5 करोड़ रुपए मिलते हैं।
डांगा ने 10 लाख एडवांस लिए, 50 लाख का लेटर दिया, बोले- अफसरों को भी देना
• रिपोर्टरः आदेश कीजिए, क्या देना है?
• डांगाः आप ही खींचकर बता दो ना!
• रिपोर्टरः सर 25% ठीक रहेगा?
• डांगा : मैं सब समझता हूं। 5 साल से वाइफ प्रधान है, मैं 20 साल सरपंच रहा ।
• रिपोर्टर: मैं 30% कर दूंगा।
• डांगाः कई कामों में तो 40% करते हैं।
• रिपोर्टर : 40% तो ज्यादा हो जाएगा, अफसरों को फोन कर देंगे तो कर दूंगा।
• डांगाः फोन तो कर दूंगा, लेकिन राजी आपको ही करना पड़ेगा। नहीं तो अड़ंगा लगाते हैं। 50 लाख इस बार ही कर दूंगा।
• रिपोर्टर ने 50 हजार रुपए टोकन देकर कहा: ठीक है सर ! आप लेटर बनवा दीजिए।
• डांगाः टोकन वापस ले लो। आप 50% (10 लाख रुपए) दे दो। आप चिंता मत करो, दिक्कत नहीं होगी।
राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। एक अंडरकवर जांच में कुछ विधायकों और उनके करीबियों से जुड़े कथित सौदेबाज़ी और पैसों के लेनदेन के वीडियो सामने आए हैं। इन वार्तालापों में सरकारी अनुशंसा पत्र, बजट और ठेकों से जुड़ी संदिग्ध डीलों की बातें खुलकर कही गईं।
जानकारी के मुताबिक, एक स्थानीय रिपोर्टर ने विकास कार्यों से जुड़े फर्जी प्रस्तावों के जरिए कुछ जनप्रतिनिधियों की कथित अनियमितताओं का खुलासा किया। इस स्टिंग ऑपरेशन में वीडियो के ज़रिए यह दिखाया गया कि कैसे एक विधायक का बेटा कथित रूप से “मंत्री बनने की संभावना” का हवाला देकर दस्तावेज़ देने में देर करने की बात करता दिखा। बातचीत में रुपए से भरे बैग और “ऑनलाइन भेजने” की पेशकश तक की चर्चाएं हैं।
इसी कड़ी में एक महिला विधायक के रहते हुए उनके घर हुई मुलाकात में भी “टोकन मनी” यानी 50 हजार रुपए लेने और 80 लाख के अनुशंसा पत्र का ज़िक्र सामने आया। बातचीत के दौरान यह भी कहा गया कि “पहले भी काम दिया था, लेकिन अफसर अटका देते हैं, उनको देख लेना।” यह बयान सरकारी प्रक्रिया में कथित मिलीभगत का संकेत देता है।
वहीं, तीसरी कथित बातचीत में एक जिला परिषद से जुड़ा मामला सामने आया, जिसमें विधायक और उनके पति के बीच सरकारी बजट में हिस्सेदारी के अनुपात पर चर्चा हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां लगभग 40 लाख रुपए की डील की बात हुई, हालांकि पैसा लेने से इंकार भी किया गया।







