उत्तर प्रदेश के झाँसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार को लगी भीषण आग में कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। माना जा रहा है कि हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ है।
आग लगने से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. परिवार के सदस्य और मरीज अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला. दुर्घटना के समय कुल 54 बच्चे एनआईसीयू में भर्ती थे।
सीएम योगी ने जताया दुख, दिए जांच के निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को हृदयविदारक बताया और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक और स्वास्थ्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा देर रात झांसी के लिए रवाना हो गये. जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्यों की समीक्षा की। एसएसपी सुधा सिंह ने बताया कि 16 घायल बच्चों का इलाज चल रहा है और उन्हें बचाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. सभी डॉक्टर एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक ने शुक्रवार को महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झाँसी के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू वार्ड) में लगी भीषण आग में कई नवजात शिशुओं की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इसे बेहद दुखद और हृदयविदारक घटना बताया.
डिप्टी सीएम का बयान
सोशल मीडिया पर घटना पर दुख व्यक्त करते हुए ब्रिजेश पाठक ने कहा, ”झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना, जिसमें कई नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई, अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है।” उन्होंने जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाने का निर्देश दिया है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद दुर्घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं और राहत कार्यों की निगरानी करेंगे. उन्होंने भगवान श्री राम से प्रार्थना की और कहा,
आग कैसे लगी इसकी जांच की जाएगी
शुरुआती जांच में हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है. एसएसपी ने कहा, “जिन परिस्थितियों या लापरवाही के कारण आग लगी, उनकी विस्तृत जांच की जा रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ माता-पिता दुर्घटना के बाद अपने बच्चों को घर ले गए। एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की स्थिति की जांच की जा रही है. हादसे के वक्त एनआईसीयू में 52 से 54 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 10 की मौत हो गई और 16 का इलाज चल रहा है.
10 बच्चों की जलकर मौत हो गई
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड (NICU- नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में शुक्रवार आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। आग लगने के बाद खिड़कियां तोड़कर 37 बच्चों को बचाया गया. मौके पर दमकल की 6 गाड़ियां मौजूद हैं. आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है.
काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया
सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां और सेना की फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी भी मौके पर पहुंची, जिसके बाद फायर ब्रिगेड के जवानों ने बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया. इस संबंध में एक जांच कमेटी गठित की गई है. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है. हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. राहत एवं बचाव कार्य के आदेश दे दिए गए हैं. डीएम समेत तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
एनआईसीयू के अंदर वार्ड में आग लग गई
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर बच्चों को बचा लिया गया है. एनआईसीयू वार्ड में दो इकाइयां हैं, एक इनडोर और एक आउटडोर। आग अंदर से लगी. जानकारी के मुताबिक सिलेंडर ब्लास्ट के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. कुछ देर तक तो समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ, लेकिन जब अस्पताल स्टाफ ने एसएनसीयू वार्ड से धुआं निकलता देखा तो अफरा-तफरी मच गई. अस्पताल का स्टाफ शिशु वार्ड में पहुंचा। रोते-बिलखते बच्चों के परिजन भी उनके पीछे दौड़े। हालांकि, आग की लपटों और धुएं के कारण कोई भी वार्ड में प्रवेश नहीं कर सका।
मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने खिड़कियां तोड़कर बचाव कार्य शुरू किया। हालांकि, एसएनसीयू वार्ड के अंदर जगह कम होने के कारण दमकल कर्मियों को आग बुझाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बताया गया कि आग लगने के बाद भी सेफ्टी अलार्म नहीं बजा. दमकल कर्मियों ने चेहरे पर रूमाल बांधकर बचाव कार्य चलाया। यदि समय रहते सुरक्षा अलार्म बजा दिया गया होता तो इतनी बड़ी घटना को रोका जा सकता था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में
झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की सूचना मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने तुरंत एक्शन लिया. मुख्यमंत्री ने मृतक बच्चों पर दुख व्यक्त किया और परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इसके साथ ही सीएम योगी ने अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने और राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया, इसके साथ ही सीएम योगी ने घायलों के समुचित इलाज का भी निर्देश दिया. सीएम योगी ने कमिश्नर और डीआइजी से 12 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है. कानपुर से डॉक्टरों की एक बड़ी टीम झांसी भेजी गई है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य भी झांसी पहुंचे. बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अधिकांश लोग प्रसव और इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज आते हैं। हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
आग बुझाने की व्यवस्था काम नहीं कर रही थी
घटना के वक्त मौजूद लोगों ने बताया कि आग लगने से लोगों में दहशत का माहौल है. मेडिकल स्टाफ भी कुछ समझ नहीं पाया. इसके अलावा कॉलेज का फायर फाइटिंग सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था. हालांकि फायर ब्रिगेड समय पर पहुंच गई, लेकिन 10 बच्चों की जलकर मौत हो चुकी थी.
बता दें कि दरवाजे और खिड़कियां तोड़कर 37 बच्चों को बाहर निकाला गया है और इलाज के लिए दूसरे वार्ड में ले जाया गया है. बताया जा रहा है कि जलने और धुएं के कारण बच्चों की हालत गंभीर है. मेडिकल कॉलेज के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी ने कोई जानकारी या स्पष्टीकरण नहीं दिया.
आग लगने का कारण क्या है?
हालांकि शुरुआत में यह हादसा सिलेंडर फटने से हुआ बताया जा रहा था, लेकिन फायर ब्रिगेड अधिकारी के मुताबिक, आशंका है कि बिजली ओवरलोडिंग की वजह से आग लगी होगी. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि वार्ड में आग सिलेंडर फटने के कारण लगी है.
मुख्यमंत्री योगी ने जताया दुख
यूपी के सीएम योगी ने हादसे पर दुख जताया और इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘झांसी जिले के मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे में बच्चों की मौत बेहद दुखद और हृदय विदारक है.’
आग बुझाने की व्यवस्था काम नहीं कर रही थी
घटना के वक्त मौजूद लोगों ने बताया कि आग लगने से लोगों में दहशत का माहौल है. मेडिकल स्टाफ भी कुछ समझ नहीं पाया. इसके अलावा कॉलेज का फायर फाइटिंग सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था. हालांकि फायर ब्रिगेड समय पर पहुंच गई, लेकिन 10 बच्चों की जलकर मौत हो चुकी थी.
बता दें कि दरवाजे और खिड़कियां तोड़कर 37 बच्चों को बाहर निकाला गया है और इलाज के लिए दूसरे वार्ड में ले जाया गया है. बताया जा रहा है कि जलने और धुएं के कारण बच्चों की हालत गंभीर है. मेडिकल कॉलेज के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी ने कोई जानकारी या स्पष्टीकरण नहीं दिया.