Onion Election Connection : जानिए प्याज और चुनाव से क्या है कनेक्शन, कई सरकारों को मुद्रास्फीति क्लीन बोल्ड दी गई है

Onion Election Connection : प्याज की कीमत में बढ़ोतरी: पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनावों के बीच प्याज की कीमत में बढ़ोतरी (increase) सत्तारूढ़ दलों की आंखों में आंसू ला सकती है। अब देशभर में प्याज की बढ़ी कीमत को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार ( According ), देश में प्याज की उच्चतम औसत कीमत रविवार, 29 अक्टूबर को 83 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। हालाँकि, कई शहरों में इसकी खुदरा कीमत 100 टका प्रति किलोग्राम से भी अधिक है। आइए जानें कि प्याज का चुनाव से क्या रिश्ता है और महंगाई की मार से किस सरकार ने इसे उखाड़ फेंका?
Onion Election Connection : वर्तमान में, मध्य प्रदेश राज्य में प्याज की औसत खुदरा कीमत 44.28 रुपये है। राजस्थान में 34 रुपये प्रति किलो, छत्तीसगढ़ में 42 रुपये प्रति किलो, मिजोरम में 65 रुपये प्रति किलो और तेलंगाना में 38 रुपये प्रति किलो। गैर-चुनावी राज्यों की तुलना में इन राज्यों को राहत है, लेकिन महंगाई की समस्या ने कई सरकारों को परेशान कर रखा है।
Onion Election Connection : अटल चाचा पियाज़वे अनार…
उस समय दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष रहे मनोज तिवारी तेजी से एक गायक के रूप में उभरे। वहीं उनका गाना ‘का हो अटल चाचा, पियाजवे अनार हो गईल…’ काफी पॉपुलर हुआ था. दिल्ली विधानसभा (Assembly) चुनाव से ठीक पहले जब प्याज की कीमत में बढ़ोतरी का मुद्दा गरमाया तो बीजेपी ने इसे हटा दिया.
उस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा थे। सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन महंगाई के मुद्दे पर ओनियन ने उन्हें क्लीन बोल्ड कर दिया। विधानसभा चुनाव (Election) में प्याज की कीमत का मुद्दा उठाकर कांग्रेस ने जीत हासिल की. शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं. दिल्ली।
Onion Election Connection : 1980 के दशक में प्याज की महंगाई एक चुनावी मुद्दा बन गई थी
Onion Election Connection : आपातकाल के बाद देश में जनता पार्टी की सरकार बनी। यह सरकार अपने ही अंतर्विरोधों के कारण लड़खड़ा गई, लेकिन सत्ता से बेदखल हुई इंदिरा गांधी के सामने कोई बड़ी समस्या नहीं थी. प्याज की कीमत अचानक बढ़ने लगी है. इंदिरा को एक समस्या सूझी.
इंदिरा गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह सरकार पर प्याज की कीमतें नियंत्रित (controlled )करने में विफल रहने का आरोप लगाया था. 1980 के दशक में प्याज की महंगाई एक चुनावी मुद्दा बन गई थी. चुनाव जीतकर इंदिरा सत्ता में लौट आईं. कहा जाता है कि जनता पार्टी की सरकार भले ही अपने आप गिर गई थी, लेकिन प्याज की वजह से कांग्रेस अगला चुनाव जीत गई।