जेके अस्पताल की आईटी सेल का प्रभारी रेमडेसिविर की कर रहा था कालाबाजारी

भोपाल। कोलार पुलिस ने कोरोना महामारी में जीवन रक्षक काम कार रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह का मुख्य सदस्य जेके अस्पताल की आईटी सेल का प्रभारी आकाश दुबे बताया रहा है। पुलिस ने मेडिकल संचालक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया हैै वही आकाश दुबे फरार है। आकाश के पकड़े जाने के बाद अस्पताल से जुड़े अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं। आरोपियों ने एक इंजेक्शन को एक से सवा लाख रुपए तक में बेचा है। पुलिस ने आरोपियों के पास से पांच रेमडेसिविर इंजेशन बरामद किए है। पुलिस ने आरोपियों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। कोलार थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल के मुताबिक गुरूवार रात सूचना मिली थी कि मंदाकिनी चौराहे पर सांची बूथ के पास एक लजरी कार आकर रूकी है। उसमें तीन लोग बैठे हैं, जो रेमडेसिविर इंजेशन को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
सूचना पर पहुंची पुलिस टीम ने कार समेत तीन युवकों को हिरासत में लेकर थाने लाया गया। इनकी पहचान अंकित सलूजा पिता हरजीत लाल सलूजा (36) निवासी मकान नंबर डी-602 सिग्नेचर रेसीडेंसी कोलार, दिलप्रीत उर्फ नानू सलूजा पिता गुरुबचन सिंह सलूजा (26) निवासी सिग्नेचर रेसिडेंसी कोलार व आकर्ष ससेना पिता राकेश ससेना (25) निवासी बी-6 ग्रीन मेडोस अरेरा हिल्स के रूप में हुई। अंकित व दिलप्रीत चचेरे भाई हैं और एमपीनगर में इंदौर सीट कवर के नाम से दुकान है। आकर्ष की छह नंबर पर दुर्गा एजेन्सी के नाम से बड़ी मेडिकल शॉप है। इन तीनों के पास से पुलिस ने पांच रेमडेसिविर इंजेशन बरामद किए। पूछताछ में सामने आया कि पहले आरोपियों ने रिश्तेदारों के लिए इंजेक्शन लिया, बाद में खुद कालाबाजारी करने लगे। पुलिस को चकमा देने के लिए रेमडेसिविर इंजेशन का कोड वर्ड में नाम एंडरायड रखा था।