फर्जी टीपी से कर रहे थे रेत परिवहन, दो लाख रुपए कीमती रेत व दो करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाहन जप्त

कोतवाली पुलिस ने छत्तीसगढ़ प्रांत से फर्जी टीपी के माध्यम से अवैध रेत परिवहन कर रहे चार ट्रक वाहनों एवं दो टैÑक्टर वाहनों को जप्त करते हुए विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई किया है।
पुलिस ने आरोपी चालको के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए दो लाख रुपए कीमती रेत व दो करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाहन जप्त किया है। पुलिस की इस कार्रवाई से रेत कारोबारियों में हड़कम्प मच गया है। जानकारी के मुताबिक कोतवाली पुलिस को गुरूवार की शाम मुखबिर से सूचना मिली की छत्तीसगढ प्रांत से 4 ट्रकों में फर्जी टीपी के माध्यम से अवैध रेत का परिवहन मध्यप्रदेश के बरहपान गोभा होते हुए उत्तरप्रदेश राज्य के लिए किया जाने वाला है। वहीं बताया गया कि सभी वाहनों में सितोश कुमार रेत भण्डारण कोगवार जिला बलरामपुर छत्तीसगढ़ की फर्जी टीपी के सहारे अवैध रेत उत्खनित कर परिवहन किया जा रहा है। मुखबिर की सूचना को गंभीरता पूर्वक लेते हुए कोतवाली थाना प्रभारी अरुण कुमार पाण्डेय ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए चार अलग-अलग पुलिस टीम गठित कर रेड की कार्रवाई व नाकाबंदी के लिए बरहपान रवाना किया। जहां पुलिस ने गोभा बरहपान के रास्ते पर स्टेडियम के पास सभी पुलिस टीमें पहुंचकर नाकांबदी करते हुए चार ट्रक वाहनों को दबोच लिया। पुलिस ने बताया कि जिला आजमगढ़ उत्तरप्रदेश के छत्तीसगढ़ बलंगी तरफ से अपने-अपने ट्रको में रेत लोड कर परिवहन करते हुए आये। जिन्हे रोककर ट्रको में लोड रेत के संबंध में दस्तावेज मांगा गया। जहां आरोपी ट्रक चालको ने सितोश कुमार रेत भण्डारण कोगवार जिला बलमरापुर छत्तीसगढ़ की टीपी प्रस्तुत की। जिसकी जांच व रेत खदान संचालक से जानकारी लेने पर बताया कि उसके द्वारा अपना रेत भण्डारण बंद,ट्रको में रेत लोड न करना तथा उक्त टीपी फर्जी होना बताया। पुलिस ने उक्त चारों ट्रकों को मय दस्तावेज के साथ जप्त किया गया। जप्त की गई ट्रकों की कीमत करीब दो करोड़ रुपए आंकी गई है। पुलिस ने चारो ट्रक चालको एवं रेत लोड कराने वाले मध्यस्थों के विरुद्ध भादवि की धारा 379, 414, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत गिरफ्तार किया गया। उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक बीरेन्द्र सिंह के दिशा निर्देशन व एएसपी अनिल सोनकर के मार्गदर्शन एवं सीएसपी के सतत निगरानी में कोतवाली थाना प्रभारी अरुण कुमार पाण्डेय, उनि उदयचंद्र करिहार, अभिषेक पाण्डेय,पुष्पेन्द्र धुर्वे, सउनि अरविंद द्विवेदी, पप्पु सिंह, पिंटू राय, बीरेन्द्र त्रिपाठी, पंकज सिंह, अंचल सेन, बीरेन्द्र सिंह एवं रामकुमार बागरी की भूमिका महत्वपूर्ण रही।