SATNA – श्रेयांश-प्रियांश हत्याकांड के पांचों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

सतना। जिले के बहुचर्चित एवं सनसनीखेज अपराध जुड़वा मासूम हत्याकांड के मामले में (एंटी डकैती कोर्ट) सतना मप्र की अदालत ने सभी पांच आरोपियों को दोषी पाते हुए दोयम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिनमें तीन आरोपी पदमकांत, राजू और लकी को धारा 302, 364 ए, और 328, 201, 120 बी भादवि, 25/27 आयुध अधिनियम एवं 11/13 एडी एक्ट के तहत दोषी पाते हुए तीन लाख 20 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया। वहीं आरोपी विक्रमजीत सिंह और अपूर्व उर्फ पिंटा यादव को धारा 120बी, 364 ए, 328, 25/27 आयुध अधिनियम एवं 11/13 एडी एक्ट के तहत दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई है।
अपहरण के 24 घंटे के भीतर 13 फरवरी 2019 को राजू और पदमकांत फरियादी से फिरौती की मांग करने के लिये बांदा उप्र गये और वहां पर एक राहगीर का फोन मांगकर फरियादी बृजेश रावत से दो करोड रूपए की फिरौती मांगी । इस बीच पुलिस की सर्चिंग लकी तोमर के किराये के कमरे के आस पास ज्यादा होने लगी तब अभियुक्त पदमकांत, राजू, लकी और विक्रम ने बच्चों को सुनिद्रा गोली खिलाकर बेहोश कर बोरियों में भर दिया। अभियोजन के अनुसार 16 फरवरी को पदमकांत शुक्ला के पिता को रघुवीर मंदिर के सामने सद्गुरू ट्रस्ट के द्वारा दिये गये कमरे में शिफ्ट कर दिया, तथा चित्रकूट एवं आसपास के इलाके में पुलिस का दवाब बढ़ने पर 17 फरवरी को अभियुक्त पदमकांत शुक्लाप ने अतर्रा जाकर रवि त्रिपाठी से किराये का कमरा लिया और अभियुक्त राजू, लकी, पदम और विक्रम ने दोनो बच्चों को अलग अलग दो बोरो में भरकर दो अलग अलग मोटर साइकिल पर बीच में बैठाकर अतर्रा के किराये के कमरे में शिफ्ट कर दिया जहां पर लकी और राजू ने बच्चों की देखभाल की। 18 फरवरी को राजू और लकी ने एक अन्य राहगीर बाबूखान का मोबाइल मांग कर फरियादी बृजेश रावत से फिरौती के सम्बंध में बात की तो फरियादी अपने बच्चों से बात कराने की बात कही । 19 फरवरी को लकी तोमर ने ट्रेस होने के डर से मोबाइल से सीधी बात कराने के बजाय मोबाइल पर कॉलिंग एप के माध्यम से बच्चों की बात फरियादी बृजेश रावत से लगभग 10-15 सेकेण्ड तक कराई और बृजेश रावत को चौसड़ बल्लान जिला बांदा बुलाया ।