South Indian Mangalsutra : साउथ इंडियन मंगलसूत्र के कुछ जुड़ी दिलचस्प बातें जानिए

South Indian Mangalsutra : भारत में विवाहित महिलाओं की सबसे बड़ी पहचान उनका सिंदूर और मंगलसूत्र है। यूं तो हर महिला सिंदूर एक ही तरह से लगाती है, लेकिन मंगलसूत्र अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम और डिजाइन में देखा जाता है। सबसे खास बात यह है कि इनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प मान्यताएं भी हैं।
अपनी ‘आभूषणों का महत्व और इतिहास’ श्रंखला के अंतर्गत हम आपको पहले ही विभिन्न (Diverse ) प्रकार के आभूषणों के महत्व के बारे में बता चुके हैं। आज हम आपको दक्षिण भारतीय मंगलसूत्र से जुड़े कुछ बेहद दिलचस्प फैक्ट्स के बारे में बताएंगे।
South Indian Mangalsutra : दक्षिण भारतीय मंगलसूत्र क्या कहलाता है?
मंगलसूत्र को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। दक्षिण भारत में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मंगलसूत्र (Mangalsutra ) को थाली, बट्टू, मिन्नू आदि नामों से जाना जाता है।
South Indian Mangalsutra : दक्षिण भारतीय मंगलसूत्र का महत्व?
मंगलसूत्र को तमिलनाडु में थाली कहा जाता है और यह कई रूपों में आता है। अलग-अलग आकार और प्रकार के मंगलसूत्र का भी अलग-अलग महत्व होता है। यह वर और वधू की जाति और उपजाति (sub caste ) पर निर्भर करता है।
South Indian Mangalsutra थाली को सोने की चेन या मांजा कायरू (पीला धागा) के साथ पहना जाता है। इस मंगलसूत्र लॉकेट ( Locket ) में देवी मीनाक्षी, सुंदरेश्वर देव, तुलसी के पेड़ और भगवान शिव की मूर्तियां हैं।
इस मंगलसूत्र में भगवान की मूर्ति पर सोने के सिक्के, मूंगा, बट्टू आदि जड़े होते हैं।
यह मंगलसूत्र 4 से 8 ग्राम और 22 या 18 कैरेट सोने का होता है। इतना ही नहीं इस मंगलसूत्र में हल्दी पाउडर (turmeric powder ) का भी इस्तेमाल किया गया है, जिससे मंगलसूत्र में इस्तेमाल होने वाली डोरी रंगी हुई है।
दूल्हे के घरवाले दुल्हन के लिए यह मंगलसूत्र लेकर आते हैं।
तमिलियन शादियों में मंगलसूत्र पहनने की अलग-अलग रस्में होती हैं। मंगलसूत्र पहनते समय इसमें 3 गांठ भी बांधी जाती है।
शादी के कुछ समय बाद मंगलसूत्र (Mangalsutra ) से पीले धागे को हटा दिया जाता है और उसकी जगह नल्लपुस्लु यानी मंगलसूत्र की चेन और धागे की जगह सोने की डिजाइनर चेन डाली जाती है।
मंगलसूत्र से जुड़ी विभिन्न देवताओं की झूलती हुई छवियां भी अलग-अलग चीजों का प्रतिनिधित्व (Representation ) करती हैं। जिस प्रकार शिव लिंग की मूर्ति उर्वरता का प्रतीक है, उसी प्रकार तुलसी की मूर्ति को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
South Indian Mangalsutra : दक्षिण भारतीय मंगलसूत्र डिजाइन
South Indian Mangalsutra : दक्षिण भारतीय मंगलसूत्रों में काले मोतियों का प्रयोग नहीं किया जाता है। पूरा मंगलसूत्र एक सोने की चेन और लटकन से बना है। अगर इस मंगलसूत्र के डिजाइन ( Design ) की बात करें तो यह किसी मंदिर के आभूषण जैसा दिखता है। आपको बाजार में कई तरह के चेन डिजाइन मिल जाएंगे, जिन्हें आप प्लेट में लगा सकती हैं। बाजार में कई डिजाइन की थाली यानी पेंडेंट भी उपलब्ध हैं। आप चाहें तो इसे अपनी इच्छा के अनुसार कस्टमाइज कर सकते हैं।

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