UP : गोद में बच्चा लिए चिल्लाता रहा शख्स, पीटती रही पुलिस, कांग्रेस नेता ने योगी पर किया तंज

बुधवार को अस्पताल कर्मी रजनीश शुक्ला, ऊषा देवी, लोकेश, श्रीकांत बाजपेयी आदि ने सीएमओ को एक पत्र देकर कहा था कि निर्माण के दौरान खोदी जा रही मिट्टी वाहनों से बाहर भेजी जा रही है। इससे परिसर में धूल-मिट्टी हो रही है। इसपर रोक लगे।
उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर फिर से सुर्खियों में है। बता दें कि सोशल मीडिया पर कानपुर देहात से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक पुलिसकर्मी एक शख्स को बेरहमी से पीट रहा है। युवक की गोद में एक बच्चा जोर-जोर से चिल्ला रहा है। वीडियो में कहते सुना जा सकता है कि साहब, मत मारिये, बच्चे को लग जायेगा।
क्या है मामला: दरअसल कानपुर देहात में जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज निर्माण के चलते सरकारी आवासों के आसपास गंदगी, जलभराव व वाहनों की आवाजाही से सड़कों की बदहाल हालत पर कर्मचारी अपना विरोध जता रहे थे। इस दौरान जिला अस्पताल में हो रहे अवैध खनन से गुस्साए डॉक्टर व कर्मचारियों ने 9 दिसंबर को ओपीडी बंद कर गेट पर ही धरने पर बैठ गए।
कोतवाल का चबाया अंगूठा: इस दौरान पुलिसकर्मियों और धरने पर बैठे लोगों के बीच हाथापाई की भी नौबत आ गई। आरोप है कि हड़ताल का नेतृत्व कर रहे कर्मी रजनीश शुक्ला ने अकबरपुर कोतवाल वीके मिश्रा का अंगूठा चबा लिया। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
कांग्रेस नेता ने साधा निशाना: इस वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए कांग्रेसी नेता श्रीनिवास बीवी ने योगी सरकार और यूपी पुलिस पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, “योगी जी, इस मासूम की चीखें आपको सोने कैसे दे रही है?”
योगी जी, इस मासूम की चीखें
आपको सोने कैसे दे रही है? pic.twitter.com/nmnC1ko0rr— Srinivas BV (@srinivasiyc) December 9, 2021
कार्रवाई के निर्देश: इस वीडियो को लेकर जब बवाल बढ़ा तो यूपी पुलिस ने सफाई में कहा, “जनपद कानपुर देहात में एक बच्चे को गोद में लिए हुए व्यक्ति पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किये जाने के प्रकरण को अत्यंत गम्भीरता से लेते हुए ADG जोन कानपुर को प्रकरण की तत्काल जांच करवाकर दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।
प्रदर्शनकारियों द्वारा अस्पताल की ओपीडी सेवाएँ बंद करने के कारण सीएमएस के अनुरोध पर अस्पताल की सेवाओं को सुचारू रूप से चलवाने हेतु पुलिस द्वारा प्रयास किया गया जिस दौरान पुलिस से अभद्रता की गयी।उग्र प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के दौरान दुःखद घटना घटित हुई जो आपत्तिजनक है। pic.twitter.com/imYvgufiGl
— UP POLICE (@Uppolice) December 9, 2021
पुलिस की तरफ से ट्वीट में कहा गया है, “प्रदर्शनकारियों द्वारा अस्पताल की ओपीडी सेवाएँ बंद करने के कारण सीएमएस के अनुरोध पर अस्पताल की सेवाओं को सुचारू रूप से चलवाने हेतु पुलिस द्वारा प्रयास किया गया जिस दौरान पुलिस से अभद्रता की गयी। उग्र प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के दौरान दुःखद घटना घटित हुई जो आपत्तिजनक है।”
सोशल मीडिया पर क्या बोले लोग: बता दें कि यूपी पुलिस की इस कार्रवाई पर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। गजेंद्र सिंह(@GsinghR23) नाम के एक यूजर ने लिखा, “इंसानियत मर गई है।’ वहीं मिनी(@MiniforIYC) ने लिखा, “यह कैसी योगी सरकार है, जहां जनसाधारण पर हो रहा अत्याचार है।” रवि माथुर(@ravimathur000) ने लिखा, “ये करेंगे आम लोगो की सुरक्षा ? लगता हैं आपको ? जब सेंकडो कैमरों के सामने ये हाल है तो अकेले में गरीबों से कैसे व्यवहार करते होंगे सोचने वाली बात है।”
Credit : jansatta