Vasant Panchami 2023 : वसंत पंचमी पर मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूरी पूजा विधि, मंत्र और कथा के बारे में जाने
Vasant Panchami 2023 : वसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद ( Blessings ) प्राप्त होता है। ऐसे में आइए जानते हैं सरस्वती पूजा की विधि, मंत्र और कथा के बारे में हमारे ज्योतिषी डॉ. राधाकांत वत्से से।
वसंत पंचमी (गंगाजल रखने का नियम) के दिन स्नान के बाद पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं।
अगरबत्ती और अगरबत्ती ( Incense stick ) जलाकर मां सरस्वती का ध्यान करें।
पूजा बैठकर करनी चाहिए। आसन के बिना पूजा व्यर्थ मानी जाती है।
मां सरस्वती को तिलक लगाएं और उन्हें माला चढ़ाएं।
मां सरस्वती को मिठाई (Sweet ) और फल का भोग लगाएं।
मां सरस्वती के मंत्र का जाप करें और आरती के साथ समाप्त करें।
Vasant Panchami 2023 : मां सरस्वती का मंत्र
संकल्प मंत्र
पर्याप्त पूजन सामग्री: माघ मास की वसंत पंचमी तिथि भगवत्य: सारस्वत्या: पूजनमः करिषे।
स्नान मंत्र
ॐ तत्वयामि ब्रह्मं वंदमानस्तदसस्ते यजमानो हबीवि। अहदमनो वरुणः बोधुरुषणं मन आयुः प्रमोषिः।
ध्यान मंत्र
या कुन्देंदु तुषारहर धवला या सुभर्वस्त्रव्रत।
या वीणावरदंडमंडिटकरा या श्वेतापद्मासन।
या ब्रह्मच्युताशंकरप्रवृत्तिविरादेवः शाश्वत बंधन।
सा मा पातु सरस्वती भगवती असीम।
शुक्ल ब्रह्मविचारसर्परमंड्य जगद्विपनि।
वीणा-ग्रन्थ-धारिणमभौयदन यद्यन्धकारपहम ।
हस्ते क्रिस्टल मलिक विधति पद्मासना संसथितम।
वंदे ता परमेश्वरी भगवती बुद्धिप्रदम सारदम।
Vasant Panchami 2023 : प्रसिद्धि मंत्र
ॐ भूर्भुः स्वाः सरस्वती देव्यै इहगच्छ इह तिष्ठ। इस मंत्र का जाप करते हुए अहानिकर निकल जाएं। इसके बाद जल ‘इतानि पद्याद्यचमनिया-स्नानियम, पुनर्चमनीयम्’ ग्रहण करें।
Vasant Panchami 2023 : बिज़ मंत्र
ॐ सारस्वतये नमः।
Vasant Panchami 2023 : मां सरस्वती की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार वसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी वजह से इस दिन मां की पूजा का विधान (Legislation ) है। ऐसा माना जाता है कि जो इस दिन मां सरस्वती की पूजा करता है और उनके मंत्रों का जाप करता है उसे विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा एक और पौराणिक कथा है।
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने मानव योनि का निर्माण किया लेकिन वह अपनी रचना से संतुष्ट नहीं थे। तब उसने अपने कमंडल से जल भगवान विष्णु के मुख (भगवान विष्णु के 8 भयानक टोटके) के ऊपर पृथ्वी पर छिड़का, जिससे एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई। उस स्त्री की 4 भुजाएं थीं और वह अलौकिक (divine ) प्रकाश से घिरी हुई थी।
एक हाथ में वीणा थी और दूसरे हाथ में वर की मुद्रा में थी। और अन्य दो हाथों में पुस्तकें और मालाएँ थीं। जैसे ही इस देवी ने वीणा बजाना शुरू किया, पूरी सृष्टि में एक अलग ही लहर फैल गई और सब कुछ बेहद खूबसूरत (Beautiful ) हो गया। मनुष्य ने वाणी प्राप्त की जिसके द्वारा वे बोल और संवाद कर सकते थे।
Vasant Panchami 2023 : तब ब्रह्माजी ने उन्हें वाणी की देवी सरस्वती कहा। मां सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और बागदेवी समेत कई नामों से जाना जाता है। उन्हीं से संगीत की उत्पत्ति ( Produce ) होने के कारण इन्हें संगीत की देवी भी माना जाता है।
जिस दिन मां सरस्वती का अवतरण( descent ) हुआ था वह वसंत ऋतु का पांचवा दिन था। इसी कारण इस दिन को मां सरस्वती की जयंती के रूप में मनाया जाता है।