National News : जनरल Bipin Rawat का उत्तराधिकारी कौन?: इस अफसर को CDS बनाने पर लग सकती है मुहर, चीन से टकराव के चलते जल्द होगा फैसला

आधिकारिक तौर पर तो सीसीएस की बैठक से कोई बड़े एलान की बात सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि मीटिंग के दौरान नेताओं ने सीडीएस पद के लिए जिन वरिष्ठ सैन्य अफसरों के नाम पर चर्चा की, उनमें आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे का नाम सबसे ऊपर रहा।
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल Bipin Rawat का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया। उनके साथ उनकी पत्नी, सैन्य अधिकारियों समेत 13 लोगों की मौत हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस दुखद घटना की जानकारी मिलने के कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी सीसीएस की अहम बैठक हुई। रिपोर्ट्स की मानें तो इस बैठक में देश के अगले सीडीएस के नाम पर चर्चा भी हुई। दरअसल, चीन से टकराव के बीच सरकार के लिए किसी सैन्य अफसर को इस अहम पद की जिम्मेदारी सौंपना जरूरी हो गया।
आधिकारिक तौर पर तो सीसीएस की बैठक से कोई बड़े एलान की बात सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि मीटिंग के दौरान नेताओं ने सीडीएस पद के लिए जिन वरिष्ठ सैन्य अफसरों के नाम पर चर्चा की, उनमें आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे का नाम सबसे ऊपर रहा। इसकी एक वजह यह है कि जनरल नरवणे तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) के प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं। जहां जनरल नरवणे ने को सेना प्रमुख का प्रभार संभाला था, वहीं एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को वायुसेना का प्रमुख पद इसी साल 30 सितंबर और एडमिरल हरि कुमार को नौसेना का प्रमुख 30 नवंबर को बनाया गया था।
जनरल नरवणे सेना प्रमुख के पद से अगले साल अप्रैल में रिटायर होने वाले हैं। सेना के संशोधित नियमों के मुताबिक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद पर कोई सैन्य अधिकारी 65 साल की उम्र तक सेवा दे सकता है। वहीं, तीनों सेना प्रमुख का कार्यकाल 62 साल की उम्र या तीन साल (जो भी पहले हो) तक का होता है।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले 19 महीने से टकराव की स्थिति बरकरार है। इस हिस्से में सेना को मजबूत करने के लिए सीडीएस रावत बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे थे। फिर चाहे वह योजना बनाने का काम हो या ट्रेनिंग या फिर रसद मुहैया कराने का। जनरल रावत तीनों सेनाओं और रक्षा मंत्रालय के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए एक पुल की तरह काम कर रहे थे। ऐसे में सरकार चाहेगी कि सेना के जल्द से जल्द उनके बदले एक अनुभवी सीडीएस मिले।
Credit : amarujala