महिला हॉकी टीम ने रचा इतिहास, पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में

भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। टीम पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गई है। भारत ने क्वार्टर फाइनल में 3 बार की ओलिंपिक चैंपियन आॅस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया। भारत के लिए एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर किया। अब सेमीफाइनल में टीम इंडिया का सामना 4 अगस्त को अर्जेंटीना से होगा। अर्जेंटीना ने क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है। 1980 में विमेंस हॉकी टीम ने पहली बार हिस्सा लिया था। तब हालांकि सेमीफाइनल फॉर्मेट नहीं था। ग्रुप स्टेज के बाद सबसे ज्यादा पॉइंट वाली 2 टीमें सीधे फाइनल खेली थीं। भारतीय टीम तब 6 टीमों के पूल में चौथे स्थान पर रही थी। इसके बाद 2016 रियो ओलिंपिक में टीम इंडिया 12वें स्थान पर रही थी।
खेलों के महाकुंभ ओलिंपिक में वर्ल्ड की 9वें नंबर की टीम भारत ने महिला हॉकी में पहली बार अंतिम-4 का टिकट कटाया है। गुरजीत कौर के गोल और गोलकीपर सविता की अगुवाई में रक्षापंक्ति के बेहतरीन प्रदर्शन से भारतीय महिला हॉकी टीम ने सोमवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया। महिला टीम का सेमीफाइनल में सामना बुधवार को अर्जेंटीना से होगा जिसने एक अन्य क्वॉर्टर फाइनल में जर्मनी को 3-0 से हराया।
पहले क्वार्टर से ही दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। पहले क्वार्टर में दोनों ही टीमों ने गोल करने का 1- 1 मौका गंवाया। मैच के दूसरे ही मिनट में आॅस्ट्रेलिया की फॉरवर्ड खिलाड़ी ने भारतीय गोल पर अटैक किया। हालांकि भारतीय डिफेंडर्स के आगे उनकी नहीं चली। भारत ने खेल के 9वें मिनट में गोल करने का मौका बनाया था, लेकिन रानी रामपाल चूक गईं। वंदना कटारिया के पास पर रानी ने स्ट्रोक लिया, लेकिन बॉल गोलपोस्ट से जाकर लगी।
भारतीय टीम ने दूसरे क्वार्टर में कमाल की हॉकी खेली। तीसरे क्वार्टर में आॅस्ट्रेलिया ने शानदार खेल दिखाया। उसे इस क्वार्टर में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले। हालांकि वे गोल करने में नाकाम रहे। टीम के पास गोल करने के कई मौके थे, लेकिन टीम भारतीय डिफेंस को नहीं भेद पाई।