Gold Loan : भारत का गोल्ड लोन मार्केट 2025 में रिकॉर्डतोड़ तेजी के साथ 122% बढ़कर ₹2.94 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। गोल्ड की बढ़ती कीमतों, आसान क्रेडिट नियमों और भारतीयों की पारंपरिक भावनात्मक जुड़ाव के चलते यह सेगमेंट बैंकों और एनबीएफसी के लिए सबसे तेज़ी से बढ़ता रिटेल लोन बन गया है.
Gold Loan : भारत में गोल्ड लोन की धमाकेदार ग्रोथ
जुलाई 2024 में गोल्ड लोन का कुल आउटस्टैंडिंग ₹1,32,535 करोड़ था, जो 2025 में बढ़कर ₹2,94,166 करोड़ हो गया—यानी 122% की वार्षिक वृद्धि।
सोने की कीमतें 44% उछलकर ₹1,13,800 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं, जिससे ग़िरवी रखे गए सोने का मूल्य तेजी से ऊपर गया।
RBI ने पर्सनल लोन पर जोखिम वेटिंग बढ़ा दी है, जबकि गोल्ड के बदले लोन लेने में बैंकों को अधिक सुरक्षा मिलती है, इस वजह से गोल्ड लोन को बढ़ावा मिला।
Gold Loan : उपभोक्ता व्यवहार और नई पसंद
परिमल अडे समेत विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय अपने पारिवारिक सोने को बेचने के बजाय लिक्विडिटी के लिए गिरवी रख रहे हैं।
गोल्ड लोन परिवार के सोने से अपनापन बना रहता है और फटाफट कैश की जरूरत भी आसान हो जाती है।
यह ट्रेंड ग्रामीण और शहरी दोनों वर्गों में दिख रहा है, बिजनेस, आपात ज़रूरत और पर्सनल खर्च के लिए गोल्ड लोन को प्राथमिकता दी जा रही है।
Gold Loan : आगे की संभावनाएं
गोल्ड लोन की आसान उपलब्धता और डिजिटल प्रक्रिया ने ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच बनाई है।
एनबीएफसी और छोटे बैंकों ने गोल्ड लोन बिजनेस में ख़ासा विस्तार किया, जिससे सामाजिक आर्थिक बदलाव भी दिख रहे हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह मार्केट 2028 तक 14 लाख करोड़ से भी ज्यादा हो सकता है.








