Insurance – देश में वित्तीय समावेशन की दिशा में सरकार के एक ऐतिहासिक फैसले ने बीमा बाजार में जबरदस्त हलचल मचा दी है। हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस insurance को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) से मुक्त किए जाने के कुछ ही दिनों में भारत का सबसे बड़ा डिजिटल इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म Policybazaar रिकॉर्ड तोड़ ट्रैफिक हासिल कर चुका है। उद्योग विश्लेषक इसे “वित्तीय सुरक्षा की क्रांति” मान रहे हैं।
Policybazaar के आंतरिक डेटा के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस की मांग में 120% और टर्म इंश्योरेंस insurance में लगभग 150% तक वृद्धि देखी गई है। यह उछाल कोविड-19 काल के बीमा बूम को भी पीछे छोड़ चुका है। प्लेटफॉर्म पर औसतन ट्रैफिक अब सितंबर 2025 की तुलना में दोगुना दर्ज किया जा रहा है।
कंपनी के ज्वाइंट ग्रुप सीईओ सरबवीर सिंह ने कहा, “सरकार का यह कदम बीमा को देश की आर्थिक स्थिरता का हिस्सा बना देगा। पहली बार भारतीय मध्यम वर्ग इस सेक्टर को बोझ नहीं, सुरक्षा की ढाल के रूप में देख रहा है।” उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का परिणाम करार दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, शून्य कर नीति ने बीमा insurance को आम उपभोक्ता के लिए सस्ती और सुलभ बना दिया है। पहले जहां युवाओं में लंबे समय के प्लान लेने की झिझक थी, वहीं अब ट्रेंड तेजी से बदल रहा है। प्लेटफॉर्म के अनुसार, “सक्रिय खरीददार”, “टालमटोल करने वाले” और “निर्णयहीन ग्राहक”—तीनों ही वर्गों में खरीदारी का उत्साह स्पष्ट है।
त्योहारों के सीजन ने इस ग्रोथ को और भी बल दिया है। नवरात्रि और दीपावली के दौरान परिवारों ने बीमा को अपने वित्तीय निवेश का जरूरी हिस्सा बनाया है। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में बीमा बाजार 20–25% तक और बढ़ सकता है।

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Insurance – देश में वित्तीय समावेशन की दिशा में सरकार के एक ऐतिहासिक फैसले ने बीमा बाजार में जबरदस्त हलचल मचा दी है। हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस insurance को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) से मुक्त किए जाने के कुछ ही दिनों में भारत का सबसे बड़ा डिजिटल इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म Policybazaar रिकॉर्ड तोड़ ट्रैफिक हासिल कर चुका है। उद्योग विश्लेषक इसे “वित्तीय सुरक्षा की क्रांति” मान रहे हैं।
Policybazaar के आंतरिक डेटा के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस की मांग में 120% और टर्म इंश्योरेंस insurance में लगभग 150% तक वृद्धि देखी गई है। यह उछाल कोविड-19 काल के बीमा बूम को भी पीछे छोड़ चुका है। प्लेटफॉर्म पर औसतन ट्रैफिक अब सितंबर 2025 की तुलना में दोगुना दर्ज किया जा रहा है।
कंपनी के ज्वाइंट ग्रुप सीईओ सरबवीर सिंह ने कहा, “सरकार का यह कदम बीमा को देश की आर्थिक स्थिरता का हिस्सा बना देगा। पहली बार भारतीय मध्यम वर्ग इस सेक्टर को बोझ नहीं, सुरक्षा की ढाल के रूप में देख रहा है।” उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का परिणाम करार दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, शून्य कर नीति ने बीमा insurance को आम उपभोक्ता के लिए सस्ती और सुलभ बना दिया है। पहले जहां युवाओं में लंबे समय के प्लान लेने की झिझक थी, वहीं अब ट्रेंड तेजी से बदल रहा है। प्लेटफॉर्म के अनुसार, “सक्रिय खरीददार”, “टालमटोल करने वाले” और “निर्णयहीन ग्राहक”—तीनों ही वर्गों में खरीदारी का उत्साह स्पष्ट है।
त्योहारों के सीजन ने इस ग्रोथ को और भी बल दिया है। नवरात्रि और दीपावली के दौरान परिवारों ने बीमा को अपने वित्तीय निवेश का जरूरी हिस्सा बनाया है। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में बीमा बाजार 20–25% तक और बढ़ सकता है।








