SIR BLO Deaths : नई दिल्ली – देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के बीच बूथ लेवल अफसरों (बीएलओ) की बीमारी और मौत ( SIR BLO Deaths ) चिंता का कारण बन गई हैं। मध्य प्रदेश में 24 घंटे में दो बीएलओ की मौत ( SIR BLO Deaths ) हो गई। वहीं, पिछले 4 दिन में भोपाल के 50 से ज्यादा बीएलओ बीमार पड़े हैं। इनमें दो को हार्टअटैक और एक को ब्रेन हैमरेज हुआ है।
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में एक महिला बीएलओ ने आत्महत्या ( SIR BLO Deaths ) कर ली। परिजनों ने ज्यादा काम के दबाव को मौत का कारण बताया है। इन राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हुई थी। तब से अब तक यानी 19 दिनों में 6 राज्यों में 15 लोगों की मौत हुई है। गुजरात व मप्र में 4-4, बंगाल में 3, राजस्थान में 2, केरल व तमिलनाडु में 1-1 की जान गई है।
मप्र में बीते 19 दिन में मप्र में 100% गणना पत्रक बंट चुके हैं, लेकिन 51% ही डिजिटल हो पाए हैं। इन्हें 4 दिसंबर तक ऑनलाइन करना है। ऐसे में डेडलाइन के तनाव और काम के बोझ के कारण कई बीएलओ खुदकुशी तक कर रहे हैं।
बीएलओ की हालत इतनी खराब क्यों ? काम का दबाव, सस्पेंशन – नोटिस का डर
1) काम ज्यादा, लेकिन समय कम….. मप्र में पहले तो गणना पत्रक छपने में देरी हुई। ये बीएलओ को देरी से मिले। अब 4 दिसंबर तक इन्हें घर-घर पहुंचाकर भरने और फिर पोर्टल पर चढ़ाने की चुनौती है। बीएलओ को औसतन 15 से 18 घंटे तक काम करना पड़ रहा है। हर घर में कम से कम तीन बार जाना पड़ रहा है। ज्यादातर समय घर पर लोग नहीं मिलते। बीएलओ एप भी सही से काम नहीं कर रहा।
2) कार्रवाई का डर… हर दिन का दबाव और नोटिस मिलने या सस्पेंशन का डर रहता है।
3) एसआईआर में लगे बीएलओ को सर्वे के लिए सिर्फ 2 हजार रुपए, एसआईआर सर्वे में लगे बीएलओ को सिर्फ 2 हजार रुपए महीना मिलता है। वहीं सुपरवाइजर को हर महीने 1500 रुपए मिलते हैं। आयोग ने गणना पत्रक छपवाने का काम सिंगल वेंडर को दे दिया। नतीजा – 4 नवंबर से सर्वे तो शुरू किया, लेकिन बीएलओ के पास फॉर्म 12 नवंबर तक छपकर पहुंचे।
रायसेन में गुरुवार को बीएलओ रमाकांत पांडे की मौत हुई। परिजनों ने बताया, वे चार रातों से नहीं सोए थे। ऑनलाइन मीटिंग के बाद बेहोश होकर गिर पड़े। फिर बचाया नहीं जा सका।
दमोह के सीताराम गोंड (50) शुक्रवार को फॉर्म भरते समय बीमार हुए। मौत | रायसेन के बीएलओ नारायण सोनी छह दिन से लापता हैं। परिजनों ने कहा, टारगेट, देर रात मीटिंग और निलंबन की चेतावनी से परेशान थे।
भोपाल में शनिवार को काम कर रहीं बीएलओ कीर्ति कौशल और मोहम्मद लईक को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया। दोनों भर्ती हैं।
6 नवंबर को दमोह में सड़क हादसे में श्याम शर्मा (45) की मौत दतिया के उदयभान सिहारे (50) ने 11 नवंबर को खुदकुशी की।

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SIR BLO Deaths : नई दिल्ली – देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के बीच बूथ लेवल अफसरों (बीएलओ) की बीमारी और मौत ( SIR BLO Deaths ) चिंता का कारण बन गई हैं। मध्य प्रदेश में 24 घंटे में दो बीएलओ की मौत ( SIR BLO Deaths ) हो गई। वहीं, पिछले 4 दिन में भोपाल के 50 से ज्यादा बीएलओ बीमार पड़े हैं। इनमें दो को हार्टअटैक और एक को ब्रेन हैमरेज हुआ है।
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में एक महिला बीएलओ ने आत्महत्या ( SIR BLO Deaths ) कर ली। परिजनों ने ज्यादा काम के दबाव को मौत का कारण बताया है। इन राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हुई थी। तब से अब तक यानी 19 दिनों में 6 राज्यों में 15 लोगों की मौत हुई है। गुजरात व मप्र में 4-4, बंगाल में 3, राजस्थान में 2, केरल व तमिलनाडु में 1-1 की जान गई है।
मप्र में बीते 19 दिन में मप्र में 100% गणना पत्रक बंट चुके हैं, लेकिन 51% ही डिजिटल हो पाए हैं। इन्हें 4 दिसंबर तक ऑनलाइन करना है। ऐसे में डेडलाइन के तनाव और काम के बोझ के कारण कई बीएलओ खुदकुशी तक कर रहे हैं।
बीएलओ की हालत इतनी खराब क्यों ? काम का दबाव, सस्पेंशन – नोटिस का डर
1) काम ज्यादा, लेकिन समय कम….. मप्र में पहले तो गणना पत्रक छपने में देरी हुई। ये बीएलओ को देरी से मिले। अब 4 दिसंबर तक इन्हें घर-घर पहुंचाकर भरने और फिर पोर्टल पर चढ़ाने की चुनौती है। बीएलओ को औसतन 15 से 18 घंटे तक काम करना पड़ रहा है। हर घर में कम से कम तीन बार जाना पड़ रहा है। ज्यादातर समय घर पर लोग नहीं मिलते। बीएलओ एप भी सही से काम नहीं कर रहा।
2) कार्रवाई का डर… हर दिन का दबाव और नोटिस मिलने या सस्पेंशन का डर रहता है।
3) एसआईआर में लगे बीएलओ को सर्वे के लिए सिर्फ 2 हजार रुपए, एसआईआर सर्वे में लगे बीएलओ को सिर्फ 2 हजार रुपए महीना मिलता है। वहीं सुपरवाइजर को हर महीने 1500 रुपए मिलते हैं। आयोग ने गणना पत्रक छपवाने का काम सिंगल वेंडर को दे दिया। नतीजा – 4 नवंबर से सर्वे तो शुरू किया, लेकिन बीएलओ के पास फॉर्म 12 नवंबर तक छपकर पहुंचे।
रायसेन में गुरुवार को बीएलओ रमाकांत पांडे की मौत हुई। परिजनों ने बताया, वे चार रातों से नहीं सोए थे। ऑनलाइन मीटिंग के बाद बेहोश होकर गिर पड़े। फिर बचाया नहीं जा सका।
दमोह के सीताराम गोंड (50) शुक्रवार को फॉर्म भरते समय बीमार हुए। मौत | रायसेन के बीएलओ नारायण सोनी छह दिन से लापता हैं। परिजनों ने कहा, टारगेट, देर रात मीटिंग और निलंबन की चेतावनी से परेशान थे।
भोपाल में शनिवार को काम कर रहीं बीएलओ कीर्ति कौशल और मोहम्मद लईक को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया। दोनों भर्ती हैं।
6 नवंबर को दमोह में सड़क हादसे में श्याम शर्मा (45) की मौत दतिया के उदयभान सिहारे (50) ने 11 नवंबर को खुदकुशी की।

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दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में एक महिला बीएलओ ने आत्महत्या ( SIR BLO Deaths ) कर ली। परिजनों ने ज्यादा काम के दबाव को मौत का कारण बताया है। इन राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हुई थी। तब से अब तक यानी 19 दिनों में 6 राज्यों में 15 लोगों की मौत हुई है। गुजरात व मप्र में 4-4, बंगाल में 3, राजस्थान में 2, केरल व तमिलनाडु में 1-1 की जान गई है।
मप्र में बीते 19 दिन में मप्र में 100% गणना पत्रक बंट चुके हैं, लेकिन 51% ही डिजिटल हो पाए हैं। इन्हें 4 दिसंबर तक ऑनलाइन करना है। ऐसे में डेडलाइन के तनाव और काम के बोझ के कारण कई बीएलओ खुदकुशी तक कर रहे हैं।
बीएलओ की हालत इतनी खराब क्यों ? काम का दबाव, सस्पेंशन – नोटिस का डर
1) काम ज्यादा, लेकिन समय कम….. मप्र में पहले तो गणना पत्रक छपने में देरी हुई। ये बीएलओ को देरी से मिले। अब 4 दिसंबर तक इन्हें घर-घर पहुंचाकर भरने और फिर पोर्टल पर चढ़ाने की चुनौती है। बीएलओ को औसतन 15 से 18 घंटे तक काम करना पड़ रहा है। हर घर में कम से कम तीन बार जाना पड़ रहा है। ज्यादातर समय घर पर लोग नहीं मिलते। बीएलओ एप भी सही से काम नहीं कर रहा।
2) कार्रवाई का डर… हर दिन का दबाव और नोटिस मिलने या सस्पेंशन का डर रहता है।
3) एसआईआर में लगे बीएलओ को सर्वे के लिए सिर्फ 2 हजार रुपए, एसआईआर सर्वे में लगे बीएलओ को सिर्फ 2 हजार रुपए महीना मिलता है। वहीं सुपरवाइजर को हर महीने 1500 रुपए मिलते हैं। आयोग ने गणना पत्रक छपवाने का काम सिंगल वेंडर को दे दिया। नतीजा – 4 नवंबर से सर्वे तो शुरू किया, लेकिन बीएलओ के पास फॉर्म 12 नवंबर तक छपकर पहुंचे।
रायसेन में गुरुवार को बीएलओ रमाकांत पांडे की मौत हुई। परिजनों ने बताया, वे चार रातों से नहीं सोए थे। ऑनलाइन मीटिंग के बाद बेहोश होकर गिर पड़े। फिर बचाया नहीं जा सका।
दमोह के सीताराम गोंड (50) शुक्रवार को फॉर्म भरते समय बीमार हुए। मौत | रायसेन के बीएलओ नारायण सोनी छह दिन से लापता हैं। परिजनों ने कहा, टारगेट, देर रात मीटिंग और निलंबन की चेतावनी से परेशान थे।
भोपाल में शनिवार को काम कर रहीं बीएलओ कीर्ति कौशल और मोहम्मद लईक को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया। दोनों भर्ती हैं।
6 नवंबर को दमोह में सड़क हादसे में श्याम शर्मा (45) की मौत दतिया के उदयभान सिहारे (50) ने 11 नवंबर को खुदकुशी की।

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